नए नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के बीच देश भर में छिड़े बवाल के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वह राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया को नहीं रोकेंगे।
ठाकरे ने आश्वासन दिया कि वह एनपीआर के सभी कालम की जांच खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि एनपीआर तैयार करने की प्रक्रिया में महाराष्ट्र में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। ठाकरे ने ट्वीट किया, “सीएए और एनआरसी अलग हैं और एनपीआर अलग है। अगर सीएए लागू होता है तो किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। एनआरसी अभी नहीं है और राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि एनपीआर राज्य में लागू होगा क्योंकि उसमें कुछ भी विवादास्पद नहीं है। ठाकरे ने कहा कि वह राज्य में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, “अगर एनआरसी लागू होगा तो इससे हिंदू या मुस्लिम ही नहीं आदिवासी भी प्रभावित होंगे। एनपीआर जनगणना है और मुझे नहीं लगता कि इससे कोई प्रभावित होगा क्योंकि यह हर दस साल में होती है।”
Maharashtra CM Uddhav Thackeray: If NRC is implemented then it will affect not only Hindus or Muslims but also Adivasis. Centre has not discussed NRC as of now. NPR is a census, and I don’t find that anyone will be affected as it happens every ten years. https://t.co/e8AdMif6ks
— ANI (@ANI) February 18, 2020
वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का कहना है कि हमने सीएए के खिलाफ वोट किया था। पवार ने कहा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का इसपर अपना नजरिया हो सकता है लेकिन जहां तक एनसीपी का सवाल है हमने सीएए के खिलाफ वोट दिया था।
इसके साथ भीमा कोरेगांव हिं’सा मामले की जांच एनआईए को सौंपने पर भी सीएम ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को नहीं दी गई है। एल्गार परिषद मामले की जांच एनआईए को दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं अपने दलित भाइयों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा।