प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंगलवार को मुलाकात के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा और आरएसएस को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिन्होंने ”कभी भी तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज नहीं माना” वे अब ‘तिरंगा यात्रा’ निकाल रहे हैं.
उन्होंने ”असहिष्णुता के मौजूदा माहौल” के खिलाफ बुद्धिजीवियों और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले लोगों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ बुद्धिजीवी लोगों को एकजुट हो जाना चाहिए.
उन्होंने एक पुस्तक विमोचन समारोह में भाजपा और आरएसएस को सीधे-सीधे निशाने पर लेते हुए कहा, ”हम एक नया दौर देख रहे हैं. कई बार यह सुनकर अच्छा लगता है कि जिन्होंने कभी भी तिरंगे को मान्यता नहीं दी वे आज ‘तिरंगा यात्राएं’ निकाल रहे हैं, जिन्होंने कभी भी तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज नहीं माना, उन्हें ऐसा करते देखकर अच्छा लग रहा है.”
उन्होंने कहा, ”जब आपने असहिष्णुता के खिलाफ अभियान शुरू किया तो वह काफी सफल रहा. अभियान रुकना नहीं चाहिए, चलते रहना चाहिए. आज ऐसी परिस्थितियां बना दी गई हैं, जब आपको मिलकर एक वैचारिक अभियान के जरिये इससे लड़ना होगा.”