मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी को लेकर एक बार फिर से केंद्र पर करारा हमला करते हुए कहा कि वह भी कालाधन खत्म करने के पक्ष में है. लेकिन जिस तरह बिना किसी पूर्व तैयारी के इतना बड़ा निर्णय जनता पर थोप दिया गया, उससे वह सहमत नहीं हैं. उन्होंने दलगत भावना से ऊपर उठ कर विपक्षी दलों को एकजुट होकर विरोध करने की विनती की.
सोमवार को नोटबंदी के विरोध में लाए गए प्रस्ताव पर हुई बहस में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि पहले मोदी खुद को चाय वाला बोलकर देश के प्रधानमंत्री बने और अब देश को लूटने के बाद फकीर वाला बन रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मोदी प्रधानमंत्री पद के योग्य नहीं हैं उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.
इसके साथ ही उन्होंने नोटबंदी से पहले भारतीय जनता पार्टी द्वारा खरीदी गई सभी सम्पति की सुप्रीम कोर्ट के जजों की निगरानी में जांच कराने की मांग की हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बारे में भाजपा को पूर्व जानकारी थी जिसकी जांच होनी चाहिए. किस-किस राजनीतिक दल का विदेशों में बैंक खाता है इसकी भी जांच होनी चाहिए.
ममता बनर्जी ने कहा कि नोट पर प्रतिबंध से ठीक पहले बड़े पैमाने पर संपत्ति खरीदारी भाजपा की बद निय्यती को साबित करती है और हम इसके जांच की मांग करते हैं.