प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अचानक नोटबंदी के फैसले के बाद उनकी ही पार्टी के नेताओं ने इस फैसले पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. बीजेपी की वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि बिना तैयारी के नोट बंद करके सरकार ने लोगों को भिखारी बना दिया है.
चावला ने बयान जारी कर कहा, ‘देश में काले धन के प्रवाह को बंद करने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार और पांच सौ रूपये के नोटों को रद्द कर एक अच्छा काम किया है लेकिन देश की मौजूदा हालात देख कर ऐसा लगता है कि सरकार अभी इस निर्णय के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी. सरकार ने बिना तैयारी के ही इस आशय की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सरकार को पहले बैंकों में पर्याप्त नोटो की आपूर्ति करानी चाहिए थी और उसके बाद मौजूदा नोटों का प्रचलन समाप्त किया जाता.
बीजेपी नेता ने कहा, ‘जिन लोगों का पैसा बैंकों में जमा है, उनके जरूरत के मुताबिक बैंकों में कैश होना चाहिए था. एक दिन में केवल चार हजार कैश एक्सचेंज कर पाने के कारण सरकार ने आवाम को भिखारी बना दिया है क्योंकि उन्हें रोज कतार में खड़ा होना पडता है.’
उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए केंद्र सरकार से कहा, ‘बैंकों में और अधिक संख्या में काउंटर होने चाहिए. पर्याप्त संख्या में नोट, खासतौर छोटे नोट होने चाहिए ताकि लोगों को कठिनाई न हो. इसके अलावा प्रति दिन एक्सचेंज किए जाने वाली कैश की लिमिट भी बढ़ा देनी चाहिए.