भोपाल: बुधवार को विधानसभा में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव पारित वाले मध्य प्रदेश पांचवा राज्य बन गया है। इससे पहले केरल, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने इस तरह का प्रस्ताव पारित किया था।
कांग्रेस सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए मध्यप्रदेश के बीजेपी नेता अजीत बोरासी ने कहा कि CAA-NRC को मुस्लिमों के साथ-साथ SC, ST, OBC के लिए भी हानिकारक है। उन्होने पने फेसबुक वॉल पर लिखा , ‘मैं भेड़ नहीं जो गलत के पीछे भी चलता रहूं।’ उन्होंने CAA-NRC को मुस्लिमों के साथ-साथ SC, ST, OBC के लिए भी हानिकारक बताया है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में बीजेपी के अंदर ही इस कानून को लेकर मतभेद है। अल्पसंख्यक मोर्चे के कई कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर इस्तीफा दिया है। साथ ही मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी इसे देश के लिए खतरनाक बता चुके हैं।
@OfficeOfKNath @INCMP @INCIndia on Wednesday passed a resolution against the CAA and urged the @narendramodi @PMOIndia to withdraw it @AmitShah @BJP4MP @BJP4India @ndtvindia @ndtv #CAA_NRCProtests #BJP #DelhiElections #DelhiElection2020 #NRC_CAA_Protest #CAA @AunindyoC pic.twitter.com/EnI4B3Q4Cm
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) February 5, 2020
उल्लेखनीय है किबुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा ये कानून समानता के अधिकार और धर्मनिपेक्षता के साथ छेड़छाड़ करता है। सभी को समानता का अधिकार है। बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के साथ छेड़छाड़ की गई।
शर्मा ने कहा कि कैबिनेट में इस कानून का विरोध करते हुए संकल्प पारित किया गया है। नया कानून संविधान की मूल भावना और चरित्र के साथ-साथ हमारे समाज में निहित सहिष्णुता के खिलाफ है, इसलिए मध्यप्रदेश सरकार केंद्र से अनुरोध करती है कि वह सीएए 2019 को रद्द कर दे।
राज्य सरकार यह भी अनुरोध करती है कि केंद्र राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर (एनपीआर) से उन सूचनाओं को वापस लेने के बाद ही जनगणना की कवायद को आगे बढ़ाए, जिसने लोगों में आशंका पैदा की है।