जयपुर. दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) की तर्ज पर जयपुर (Jaipur) में शहीद स्मारक पर CAA और NRC के विरोध में चल रहे धरने में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हिस्सा लिया।
इस मौके पर गहलोत ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) प्रैक्टिकल नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर डिटेंशन सेंटर में जाना पड़े तो सबसे पहले मैं जाऊंगा। किसी को भी डिटेंशन सेंटर में नहीं जाने दिया जाएगा। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में शांति और सद्भाव कायम करने के लिए केंद्र सरकार को सीएए वापस लेना चाहिए। क्योंकि, यह कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने आगे कहा, ‘नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के लिए माता-पिता के जन्म स्थान का ब्यौरा मांगा जा रहा है। अगर मैं यह जानकारी देने में असमर्थ हूं तो मुझे भी डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। आप निश्चिंत रहिए अगर ऐसी स्थिति आती है तो वहां जाने वाला मैं पहला व्यक्ति होऊंगा।’
Jaipur: Rajasthan CM Ashok Gehlot today took part in a protest against Citizenship Amendment Act, National Population Register and National Register of Citizens, at Shaheed Samark. pic.twitter.com/jXShgR8k1e
— ANI (@ANI) February 14, 2020
गहलोत ने आरोप लगाया कि असम में एनआरसी लागू होने का वहां की बीजेपी सरकार ही विरोध कर रही है। वहां हिंदू हो या मुसलमान सभी लोगों को इससे काफी परेशानी हुई है। गहलोत ने कहा- कानून बनाना सरकार का अधिकार है। लेकिन लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए।
उन्होने कहा, देशभर में प्रदर्शनकारियों को पकड़ा गया है। कई मुख्यमंत्री सीएए के खिलाफ हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार ने असम में एनआरसी लागू करने से इनकार कर दिया है।