मक्का मस्जिद ब्लास्ट के फैसले पर बोले ओवैसी – ‘नहीं किया गया इंसाफ’

हैदराबाद की ऐतहासिक मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद सहित सभी 5 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. हैदराबाद की विशेष एनआइए कोर्ट ने सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया है.

इस मामले में अब आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इंसाफ नहीं किया गया. बता दें कि 18 मई 2007 को हुए इस ब्लास्ट में 9 मारे गए थे जबकि 58 घायल हुए थे. बाद में प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस फायरिंग में भी कुछ लोग मारे गए थे.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जून 2014 के बाद अधिकतर गवाह पलट गए. एनआईए ने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया, जैसा कि अपेक्षित था. ‘राजनीतिक मास्टर्स’ द्वारा अनुमति नहीं दी गई. प्रश्न ये है कि अगर ऐसी पक्षपाती अभियोजन जारी रहेगी तो आपराधिक न्याय प्रणाली की क्या स्थिति होगी?’ उन्होंने कहा कि न्याय नहीं किया गया. एनआईए और मोदी सरकार ने जमानत के खिलाफ अपील भी नहीं की. यह एक पूर्ण पक्षपाती जांच थी जो कि आतंकवाद से लड़ने के हमारे संकल्प को कमजोर करेगी. इस हमले में 9 की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे.

ओवैसी ने कहा, ‘NIA एक बहरा और अंधा तोता है. एजेंसी ने आरोपियों के बेल के खिलाफ अपील नहीं की. गवाह अपने बयान से पलट गए.’  कोर्ट के फैसले को लेकर एनआइए ने कहा है कि हम कोर्ट के फैसले की कॉपी देखेंगे फिर आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला लेंगे.

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