2019 के आम चुनाव की तैयारी को लेकर बुलाए गए कांग्रेस के महाधिवेशन में बैलेट पेपर चुनाव कराने की मांग उठाई गई.
पार्टी के वरिष्ट नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बैलेट पेपर को दोबारा से वापस लाना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस के संकल्प पर बोलते हुए कहा कि चुनाव आयोग को दुनिया के प्रमुख लोकतंत्रों की तरह भारत में भी बैलेट पेपर के द्वारा चुनाव करवाना चाहिए, ताकि चुनाव को लेकर लोगों में विश्वास बना रहे.
खड़गे द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव में निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग को मतपत्र के पुराने तरीके को फिर से लागू करना चाहिए क्योंकि अधिकतर दलों एवं आम लोगों के मन में भारी आशंकाएं हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस प्रस्ताव के जरिये न्यायिक प्रणाली में तुरंत सुधारों की जरूरत पर भी बल दिया है. इसमें दलबदल को लेकर भी चिंता जतायी गयी हैं.
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस सभी भारतीयों की पार्टी है. बापू को साम्प्रदायिक ताकतों ने हमसे छिन लिया है. खड़गे ने कहा कि मुश्किल दौर में सोनिया गांधी को अध्यक्ष चुना गया. उन्होंने कहा कि आरएसएस-बीजेपी गठजोड़ से जुड़े संगठनों द्वारा संविधान के बुनियादी सिद्धांतों और देश के मूल्यों को सुनियोजित हमले का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि आरएसएस-भाजपा से जुड़े लोगों ने देश में डर शंका और धमकी भरा माहौल बना दिया है. पीएम और भाजपा सरकार किसी भी आलोचनाओं को नहीं सहते. सत्ता के नशे में चूर रहते हैं. आरएसएस और बीजेपी राष्ट्रवाद और देशभक्ति का ठेकेदार बनते हैं, लेकिन वो आजादी की लड़ाई से खुद को अलग रखने और माफी की गुहार लगाने वालों के वैचारिक वंशज हैं.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘आज हमारे संवैधानिक मूल्यों की बुनियाद पर खतरा पैदा हो गया है. हमारी आजादी खतरे में है. हमारे संस्थानों पर भारी दबाव है और उनकी आजादी से समझौता हो रहा है. हमें, अपने गणराज्य को हर कीमत पर बचाना होगा.’