गांधीनगर गुजरात में मोदी के सीएम रहने के दौरान वर्तमान सीएम आनंदीबेन पटेल की बेटी अनारा पटेल को सस्ते में सरकारी जमीन देने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने गिर अभ्यारण्य के पास गौशाला बनाने के लिए महंगी दर पर जमीन दी जबकि निजी कंपनी (अनारा पटेल का मामला) को सस्ती जमीन दी।
कांग्रेस ने कहा कि एक ट्रस्ट गिर अभ्यारण्य के पास गौशाला बनाने के लिए जमीन चाह रहा था। लेकिन उसे ऊंची कीमत पर सरकारी जमीन दी गई। जबकि अनारा के पार्टनर को करीब 92 फीसदी कम दर पर जमीन उपलब्ध कराई गई।
हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज किया है। बीजेपी ने कहा कि जमीन के अलॉटमेंट के वक्त सभी नियमों का ख्याल रखा गया है। कांग्रेस ने जमीन आवंटन को लेकर की गई कथित गड़बड़ियों पर पीएम मोदी और सीएम आनंदीबेन के इस्तीफे की मांग की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोधवाडिया ने कहा कि 2010 में जब मोदी सीएम थे तब प्राइवेट कंपनी वाइल्डवुड्स रिजॉर्ट ऐंड रिअल्टीज प्राइवेट लिमिटेड को 245.62 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। इस जमीन की कीमत 122 करोड़ थी। उस समय आनंदीबेन राजस्व मंत्री थीं।
उन्होंने कहा कि प्राइवेट कंपनी को 15 रुपए प्रति स्केवयर मीटर के हिसाब से जमीन दी गई। जबकि मुरलीधर गऊ सेवा ट्रस्ट को गौशाला बनाने के लिए 671 रुपए प्रति स्क्वेयर मीटर का रेट दिया गया। मोधवाडिया ने कहा यह सरकार के दोहरे रवैये को दिखाता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले की जांच हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई एसआईटी से करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक जांच नहीं हो जाती पीएम और सीएम दोनों को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
इन आरोपों पर गुजरात बीजेपी के प्रवक्ता आईके जडेजा ने कहा कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं। जमीन देने के दौरान सारे नियमों का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट जिस जमीन को मांग रहा था वह नैशनल हाइवे के पास थी। जबकि राज्य स्तरीय वैल्य़ूएशन कमिटी ने लोकेशन के हिसाब से रेट तय किया था। (नवभारत टाइम्स)