आर्थिक आधार पर मुस्लिमों को भी 10 फीसदी आरक्षण मिले: मायावती

लखनऊ:बसपा सुप्रीमो मायावती आज अपना 63वां जन्मदिन मना रही हैं। इस मौके पर उन्होंने अपने निजी आवास में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। मायावती ने कहा कि बसपा-सपा के गठबंधन के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) नींद उड़ गई है। इसलिए जानबूझकर सीबीआई के जरिए अखिलेश यादव को परेशान किया जा रहा है।

मायावती ने कहा कि बीजेपी अपने किए किसी वायदे को पूरा नहीं कर रही है। चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण देने का वादा कर रहे हैं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस आधार मुस्लिमों को भी 10 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। मायावती ने कहा आजादी के बाद से सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की भागीदारी का औसत करीब 33 प्रतिशत था, जो कि अब घटकर 2 से 3 प्रतिशत ही रह गई है।

इस दौरान उन्होंने नोएडा प्रशासन द्वारा पार्क में नमाज पढ़ने से रोक के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को जुमे की नमाज पर रोक लगाने की कोशिश की गई। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जुमे की नमाज पर भी सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो गलत है।

मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए उन्होने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में सिर्फ मुट्ठी भर पूंजीपतियों का ही भला हुआ है जबकि मजदूर, किसान नौजवान और अल्पसंख्यक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। मोदी ने पिछले चुनाव में वादा किया था कि उनकी सरकार आते ही विदेशों से काला धन लाया जाएगा और हर एक के खाते में 15-15 लाख रूपये डाले जाएंगे। जिसने गरीब एवं किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरा है।

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किसानों की पूर्ण कर्ज माफी की वकालत करते हुए मायावती ने कहा कि इस संबंध में सरकार को स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को ईमानदारी से लागू करना चाहिए। छोटी छोटी कर्जमाफी से किसानों का भला होने वाला नहीं है। सरकार को इस दिशा में स्पष्ट कार्यप्रणाली और नीतियों के साथ चलने की जरूरत थी जिस पर वह नाकाम साबित हुई है।

मायावती ने कहा कि बीजेपी ने अपने शासनकाल में सरकारी एजेंसियों का जमकर दुरूपयोग किया है। खनन के झूठे मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम सीबीआई जांच के लिये उछालना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। भाजपा के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर है। यह सरकार संसद से लेकर आम जनता तक अपनी बेगुनाही की सफाई देने में लगी है। यदि सरकार की नीयत पाक साफ होती तो वह सफाई देने की बजाये सरकारी धन और ऊर्जा का उपयोग जनकल्याणकारी कार्यों में लगाने का काम करती।

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