गुरुवार को बिहार के पूर्णिया में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यह कहकर बड़ा विवाद पैदा कर दिया कि 1947 में ही देश के सभी मुसलमानों को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था। दूसरी और केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि यदि सरकार हिंदुस्तान के मुसलमानों को भगाने की बात कहेगी, उस दिन सबसे पहले उन्हें मुख्तार अब्बास नकवी की लाश पर से गुजरना होगा।
उन्होंने कहा कि सीएए किसी की भी नागरिकता को खत्म करने के लिए नहीं है। हिन्दूस्तान में रहने वाले हर नागरिक का अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित है। जो लोग इस आंदोलन को भड़का रहे हैं, उनको भी मालूम है कि सरकार सीएए को वापस नहीं लेगी।
बीजेपी नेता ने कहा कि जो लोग इस आंदोलन को भड़का रहे हैं, वो लोग पाप कर रहे हैं। खुदा उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। उनको पता है कि वो लोगों को मना नहीं सकते। इसलिए वो उन्हें कन्फ्यूज कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जिस दिन ये सरकार हिंदुस्तान के मुसलमानों को भगाने की बात कहेगी, उस दिन सबसे पहले उन्हें मुख्तार अब्बास नक़वी की लाश पर से गुजरना होगा।
मोदी के मंत्री @naqvimukhtar से शाहीन बाग की डायरेक्ट बात
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दूसरी और गिरिराज सिंह ने कहा कि “देश के सामने यह स्वीकार करने का वक्त है कि जब 1947 से पहले जिन्ना ने इस्लामिक देश की मांग की। यह हमारे पूर्वजों की बड़ी चूक थी, जिसकी कीमत हम चुका रहे हैं। यदि सभी मुस्लिम भाईयों को उसी वक्त वहां भेज दिया जाता और हिन्दुओं को यहां लाया जाता तो हम उस स्थिति में नहीं होते, जहां आज हैं। यदि भारतवंशियों को यहां आसरा नहीं मिलेगा तो वो कहां जाएंगे?”
उन्होंने कहा, ‘उस समय हमारे पूर्वजों से बहुत बड़ी भूल हुई। अगर तभी मुसलमान भाइयों को वहां (पाकिस्तान) भेज दिया जाता और हिंदुओं को यहां बुला लिया जाता तो आज यह नौबत ही नहीं आती। अगर भारत में ही भारतवंशियों को जगह नहीं मिलेगी तो दुनिया में ऐसा कौन सा देश है जो उन्हें शरण देगा।’