कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला ने नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर साम्प्रदायिक पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अली हरीज को सेनाध्यक्ष इसलिए नहीं बनाया क्योंकि वे नही चाहते कि कोई मुस्लिम देश का पहला मुस्लिम जनरल बने.
पूनावाला ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अली हरीज को पहला मुस्लिम जनरल नहीं बनाना चाहते थे, इसलिए दो वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की अनदेखी की गई. उन्होंने आगे लिखा, ”अगर मोदी बिपिन रावत को बिना बारी के आर्मी चीफ नहीं बनाते तो हरीज लेफ्टिनेंट बक्शी के कार्यकाल के बाद सेना के पहले मुस्लिम प्रमुख होते. लेकिन मोदी ऐसा नहीं चाहते थे.”
For BJP asking legitimate q10s from Modi govt over appt of Army Chief is anti-national BUT using VKSingh to undermine then Govt was fine
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) December 18, 2016
UP elex r close.BJP's anti Muslim bigotry at max level.1983 1Lt Gen superseded this time 2.. Superseding just Bakshi=Hariz COAS-RSS said no https://t.co/RfoUMRVVcy
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) December 18, 2016
पूनावाला लिखा कि शायद आरएसएस मानसिकता के चलते मोदी सरकार किसी अल्पसंख्यक के सेना प्रमुख बनने को सहन नहीं कर सकती थी. उन्होंने आगे लिखा, ”भूतकाल में एक लेफ्टिनेंट जनरल की अनदेखी की गई थी दो की कभी नहीं हुई. अब बक्शी को सीडीएस बनाने की बात की जा रही है. हरीज जो चीज डिजर्व करते थे वो मोदी सरकार के चलते नहीं मिल पाई. यदि 1983 को दोहराया भी गया तो हरीज चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ होते. इस अभूतपूर्व कदम के पीछे मोदी की मुस्लिम विरोधी आरएसएस मानसिकता है.
Force Indian Muslims to say slogans as loyalty test but when 1 of them wants to serve as Army Chief & smash Pak- deny it This is BJP #Hariz
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) December 18, 2016