दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भाजपा सांसदों और विधायकों को 8 नवंबर से 31 दिसंबर तक पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को बैंकिंग लेनेदेन का ब्योरा दिए जाने के आदेश को पाखंड करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार सभी पार्टियों के सांसदों और विधायकों के बैंकिंग ब्योरे की जांच एक इंडिपेंडेंट कमिटी से कराई जानी चाहिए.
एक वीडियो संदेश जारी कर केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ के विधायक और सांसद ऐसी किसी भी जांच के लिए तैयार हैं. उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी का फैसला लागू होने से तीन-चार महीने पहले की अवधि में भाजपा के नेताओं ने बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदीं और ऐसे में इसकी जांच की जरूरत है.
वहीँ ‘आप’ नेता आशुतोष ने कहा, ‘भाजपा नेताओं के पास 8 नवंबर से पहले ही इस बारे में पूरी जानकारी थी. अगर 8 नवंबर से छह महीने पहले की बैंकिंग लेनदेन की जांच की जाए तब वास्तविक तस्वीर सामने आएगी.’
.@ArvindKejriwal propose PM Modi that account statements of all lawmakers & pol parties of last 5 years be scrutinised by High level comm. pic.twitter.com/KeGY6khF9z
— Akshay Malhotra (@Akshay) November 29, 2016
उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों और विधायकों को अपने बैंकिंग लेनदेन शाह को सौंपने का प्रधानमंत्री का निर्देश ‘एक और नाटक’ है, जिसका मकसद जनता की आंख में धूल झोंकना है.