रोजगार के लिए 10 करोड़ भी नहीं और अपने महबूब को मोदी ने 1500 करोड़ रुपए दे दिए: ओवैसी

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भारतीय निजी एअरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज को मोदी सरकार ने हाल ही में एसबीआई समेत कई सरकारी बैंकों की मदद से जेट एअरवेज को 1500 करोड़ रुपए का बेल आउट पैकेज देने का फैसला किया है और कंपनी के कर्ज को इक्विटी में बदलने के निर्देश दिए हैं।

सरकार के इस फैसले पर विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधना शुरु कर दिया है। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) चीफ असदुदीन ओवैसी ने भी एक जनसभा के दौरान इस मुद्दे पर पीएम मोदी और केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।

ओवैसी ने कहा कि “पीएम मोदी ने एसबीआई बैंक के 1500 करोड़ रुपए जेट एअरवेज को दे दिए, जबकि उसका मालिक नरेश गोयल भारत का शहरी भी नहीं है!” एआईएमआईएम चीफ ने सवाल उठाते हुए कहा कि “देश के प्रधानमंत्री ने क्या 1500 करोड़ रुपए कैबिनेट से मंजूर करवाया? देश में मेक इन इंडिया के नाम पर हजारों फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, करोड़ो नौजवान बेरोजगार हो गए हैं, क्या आप उन फैक्ट्रियों को खोलने के लिए 10-10 करोड़ रुपए नहीं दे सकते? मगर एअरलाइन की कंपनी और नरेश गोयल इनका महबूब है, नरेश गोयल इनके चाहने वाला है, इसलिए उसे 1500 करोड़ रुपए दे दिए।”

ओवैसी ने पीएम मोदी के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि “यह पैसा आपका निजी पैसा नहीं है, किससे बूझकर प्रधानमंत्री ने यह पैसा नरेश गोयल को दिया? बाप की जागीर है? इस देश में लोकतंत्र है और लोकतंत्र में मनमानी नहीं चल सकती।”

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि “भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई, पीएनबी, केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक और इलाहाबाद बैंक अब जेट एअरवेज को बेल आउट पैकेज देने के लिए पीएम मोदी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इससे पहले ओेएनजीसी का 7700 करोड़ रुपए का जनता का पैसा गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को खरीदने में इस्तेमाल किया गया। 38 करोड़ एलआईसी होल्डर की महेनत से कमाए गए 9000 करोड़ रुपए आईडीबीआई बैंक को बचाने में इस्तेमाल किए गए।”

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