नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी (PDP) नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बार फिर हिरासत में ले लिया। मुफ़्ती ने जानकारी देते हुए कहा कि दो दिनों से वह पुलवामा नहीं जा पाई हैं, जबकि उनकी बेटी भी हाउस अरेस्ट है।
महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट कर कहा, ‘पिछले दो दिनों से मुझे फिर से अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। जम्मू और कश्मीर (Mehbooba Mufti) प्रशासन मुझे पुलवामा में पार्टी नेता वहीद उर रहमान (Waheed) के परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। बीजेपी (BJP) के मंत्रियों और उनके सहयोगियों को कश्मीर के हर कोने में घूमने की इजाजत है, केवल मेरे मामले में सुरक्षा का खतरा है।’
Ive been illegally detained yet again. Since two days, J&K admin has refused to allow me to visit @parawahid’s family in Pulwama. BJP Ministers & their puppets are allowed to move around in every corner of Kashmir but security is a problem only in my case. pic.twitter.com/U5KlWzW3FQ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 27, 2020
दूसरी और कश्मीर जोन पुलिस ने जानकारी दी है कि महबूबा मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है। सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें पुलवामा दौरा रद्द करने की सलाह दी गई थी।
Parking a truck in front of our gates is now standard operating procedure for this admin. They did the same to my father recently to stop him from praying. Personal liberty is treated as a favour by the govt, to give & withdraw at will, with no interference from the judiciary. https://t.co/yUjDhhZb9p
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 27, 2020
महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिए जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सरकार का पक्षधर माना जा रहा है। उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे किसी पर कोई उपकार कर रही हो।
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,‘‘ बाधा खड़ी करना इस प्रशासन की नयी मानक संचालन प्रक्रिया है। उन्होंने मेरे पिता को प्रार्थना करने से रोकने के लिए हाल ही में ऐसा किया था। सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे कोई उपकार कर रही हो, और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और किसी से छीन रही है और न्यायपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है।’’