एससीएसटी एक्ट के विरोध में सवर्णों के भारत बंद को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आरएसएस और बीजेपी की चुनावी साजिश करार दिया।
उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि ऐसे हथकंडे अपनाकर भाजपा लोगों को जातियों में बांटना चाहती है। मायावती ने अपने बयान में कहा, ‘हम ऐसे लोगों से सहमत नहीं हैं जो एससीएसटी एक्ट का विरोध कर रहे हैं। ऐसे लोगों ने अपने मन में गलत धारणा बना ली है कि इस एक्ट का दुरुपयोग कर अन्य समुदाय के लोगों का दमन किया जाएगा।’
बसपा प्रमुख ने कहा कि देश में बीजेपी का जनाधार कम हो गया है। बीजेपी ने एससी/एसटी एक्ट के साथ खिलवाड़ किया है। दरअसल आरएसएस की मानसिकता जातिवादी और बीजेपी की नीतियां एससी/एसटी विरोधी है। वहीं दूसरी ओर खबर ये भी है कि मोदी सरकार इस ऐक्ट से नाराज सवर्णों की मनाने की कोशिश की तैयारी में है। बीजेपी इसके लिए एक फ़ॉर्मूले पर काम कर रही है।
BSP wants to say to the people who are protesting against the SC/ST Act & have formed a wrong idea in their head that the act will be misused & communities other than SC/ST & tribals will be oppressed, that our party doesn't agree with this idea: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/kYxCXHuwhD
— ANI UP (@ANINewsUP) September 7, 2018
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार के दौरान बहाली पर से रोक हटाकर सामान्य वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी के मौके दिए गए थे। मायावती ने कहा कि प्रदेश में गुरुवार को सवर्णों का बंद भाजपा की ओर से प्रायोजित था। वास्तव में बंद के नाम पर ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है।
बता दें कि एससीएसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण संगठनों ने 6 सितंबर गुरुवार को भारत बंद का आयोजन किया था। इस बंद का असर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दिखाई दिया था।