मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में कश्मीर घाटी में लोगों के कथित उत्पीडऩ के विरोध में जमकर हंगामा मचा.
विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के सदस्यों ने गणतंत्र दिवस समारोह से पहले सरकार पर घाटी के लोगों का उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप लगाया. श्रीनगर से विधायक अली मुहम्मद सागर ने कहा, घाटी ‘‘जेल बन गई है और यहां लोगों का उत्पीडऩ किया जा रहा है.’’
उन्होंने 26 जनवरी से पहले भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए जाने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘उन्हें घर से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है.’’ इस दौरान उन्होंने बीते दो सालों में कानून एवं व्यवस्था, आतंक संबंधी घटनाओं, सीमा पार से गोलाबारी की घटनाओं में मारे गए लोगों के बारे में भी जानकारी मांगी.
जिसके लिखित जवाब में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा को सूचित किया कि ऐसी घटनाओं में 162 पुलिस एवं सुरक्षा कर्मी तथा 196 असैन्य लोगों की मौत हुई है. महबूबा ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था और आतंकवाद संबंधी घटनाओं में 172 असैन्य लोग मारे गए हैं, जबकि सीमा पर गोलाबारी में 24 असैन्य लोगों की जान गई है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 में 213 और 2016 में 150 आतंकवादियों को मार गिराया गया. उन्होंने बताया कि इस दौरान 176 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि 2016 में 79 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था.
महबूबा ने बताया कि वर्ष 2016 में कानून एवं व्यवस्था और आतंकवाद संबंधी घटनाओं में 104 असैन्य लोग मारे गए थे जबकि 2017 में ऐसी घटनाओं में 68 असैन्य लोगों की जान गई थी. उन्होंने बताया कि 2016 में सीमा पार से होने वाली गोलाबारी में 13 लोगों की मौत हुई थी जबकि 2017 में इसमें 11 लोग मारे गए.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 23 मृतकों के परिजन को 23 लाख रुपये की राशि दी गई, 110 घायलों को 6.20 लाख रुपये दिए ग