पटना : सरायकेला-खरसावां के धातकीडीह में 22 वर्षीय तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 11 आरोपितों के खिलाफ हत्या की धारा-302 हटा दिये जाने के बाद पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप लग रहे है।
इस मामले में अब सीपीआइ नेता व जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि नफरत की आग किसी को भी जला सकती है। नफरत की इस मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है। साथ ही कहा है कि भीड़ द्वारा किसी इंसान की हत्या को स्वाभाविक मौत माननेवालों को इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या याद रखनी चाहिए।
भीड़ द्वारा किसी इंसान की हत्या को स्वाभाविक मौत मानने वालों को याद रहे कि भीड़ ने इंसपेक्टर सुबोध को भी नहीं छोड़ा था। यह नफरत की आग किसी को भी जला सकती है। इससे पहले कि यह भीड़ की मानसिकता सबकुछ खत्म कर दे, नफरत की इस मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है।#TabrezAnsari
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) September 10, 2019
वहीं इस मामले में अब अंसारी का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने मर्डर की धारा हटाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अंसारी की हत्या हुई थी, हमारे निष्कर्षों को गलत तरीके से पेश किया गया।
टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक, डॉक्टरों ने तबरेज अंसारी की हत्या की पुष्टि की और कहा कि पुलिस ने आरोपियों को कानून के हाथों से बचाने के लिए मामले को गलत तरीके से पेश किया। डॉक्टरों का कहना है- हमारे निष्कर्षों का गलत अर्थ निकाला गया है।