मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार मुसीबत में आ गई है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “इसमें चिंता की बात नहीं है, हम बहुमत साबित करेंगे। हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।”
वहीं कांग्रेस की नेता शोभा ओझा ने दावा किया है कि हम सदन में बहुमत साबित करेंगे। सभी कांग्रेस विधायक, जो बेंगलुरू में हैं, उन्हें गुमराह किया गया, वो हमारे साथ हैं। यहां तक कि भाजपा के भी कुछ विधायक हमारे संपर्क में हैं। कांग्रेस के विधायक जयपुर शिफ्ट किए जा रहे हैं। वहीं भाजपा विधायक मानेसर के एक होटल में शिफ्ट किए गए हैं।
शोभा ओझा ने आगे कहा- “विधायकों से यह कहा गया था कि सिंधिया जी राज्य सभा सीट की मांग कर रहे हैं, इसलिए साथ आने की आवश्यकता है। लेकिन, जब उनकी (ज्योतिरादित्य सिंधिया) बात बीजेपी के साथ शुरू हुई तो ये विधायक गुस्से में आ गए। वे सभी मुख्यमंत्री के साथ संपर्क में हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है। हम विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे।”
Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath: There is nothing to worry about, we will prove our majority. Our government will complete its term. pic.twitter.com/X2HpYd7F08
— ANI (@ANI) March 10, 2020
बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं। ऐसे में 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास मामूली बहुमत है। अगर 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये जाते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की प्रभावी संख्या महज 206 रह जाएगी। उस स्थिति में बहुमत के लिये जादुई आंकड़ा सिर्फ 104 का रह जाएगा।
कांग्रेस के पास सिर्फ 92 विधायक रह जाएंगे, जबकि भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस को चार निर्दलीयों, बसपा के दो और सपा के एक विधायक का समर्थन हासिल है। उनके समर्थन के बावजूद कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दूर हो जाएगी।