मध्यप्रदेश कांग्रेस की चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी और आरएसएस पर इन दिनों कडा प्रहार कर रहे है। अब उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए है। उन्होने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि “मोदी बताएं कि उनके इस अपराध के लिए देश की जनता उन्हें किस चौराहे पर सजा दे।”
बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के दौरे पर आए सिंधिया ने कहा, “इस समय देश में एक ऐसी सरकार है, जिसने तानाशाही वाले तरीके से एक गैर लोकतांत्रिक फैसला कर नोटबंदी का ऐलान कर दिया, इसके चलते इस देश की अर्थव्यवस्था के इंजन से तेल ही निकाल लिया गया। नोटबंदी के लागू होने के बाद लोगों को अपनी ही रकम हासिल करने के लिए कई हफ्तों तक लाइन में लगना पड़ा और इसमें 125 लोगों की जान तक चली गई। जान गंवाने वालों के लिए प्रधानमंत्री के मुंह से संवेदना के दो शब्द तक नहीं निकले।”
नोटबंदी के समय सरकार द्वारा किए गए दावों का जिक्र करते हुए सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री का दावा था कि तीन लाख करोड़ से ज्यादा की रकम वापस नहीं आएगी, लेकिन 99.30 प्रतिशत रकम बैंकों में वापस आ चुकी है। इसके अलावा भारत की मुद्रा भूटान, नेपाल आदि देशों में चलती है और उसका ब्यौरा आना अभी बाकी है। सरकार के सारे दावे फेल हुए हैं. गरीब जनता को नाहक परेशानी का सामना करना पड़ा। माताओं-बहनों ने आड़े वक्त में काम आने के लिए जो पैसे रखे थे, उन्हें मजबूरन वे पैसे निकालने पड़े। बच्चों को अपने गुल्लक तक फोड़ने पड़े। हजारों लोग बेरोजगार हो गए। इतनी तबाही का उन्हें आखिर फायदा क्या मिला? सरकार अब इस पर चुप है।”
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सिंधिया ने आगे कहा कि नोटबंदी के समय कालाधन, आतंकवाद और जाली नोट की समस्या का खात्मा हो जाने का दावा किया गया था, मगर हुआ क्या यह भी तो सरकार बताए। कालाधन कहां गया, आतंकवाद बंद हुआ क्या? जाली नोटों पर रोक लगी क्या? एटीएम ही जाली नोट उगलने लगी। एक झटके में 86 प्रतिशत मुद्रा को चलन से बाहर कर देने का फैसला देशहित में बिल्कुल नहीं था। यह देश के साथ सरासर अन्याय था और देश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा था।
सिंधिया ने कहा कि मोदी ने नोटबंदी के दौरान देश से 50 दिन में हालात सुधरने की बात कही थी उन्होंने कहा था कि ऐसा नहीं हुआ तो जनता उन्हें जो चाहे, जिस चौराहे पर बुलाकर सजा दे। उन्होंने कहा कि मोदी जी स्वयं आकर बताएं कि देश की जनता उन्हें किस चौराहे पर सजा दें।