नई दिल्ली: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चीन के साथ लद्दाख में जारी खू’नी संघर्ष के बाद कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि चीन से Rajiv Gandhi Foundation को मोटा चंदा मिला।
मध्य प्रदेश जनसंवाद वर्चुअल रैली के दौरान उन्होंने कहा- मैं यह जानकर हैरान हूं कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 300 हजार अमेरिकी डॉलर People’s Republic of China (चीनी सेना) और Chinese Embassy (चीनी दूतावास) से साल 2005-06 में मिले थे। यह कांग्रेस और चीन का गुप्त संबंध है।
#WATCH I am amazed that the Rajiv Gandhi Foundation received 3 hundred thousand USD from the People's Republic of China & Chinese Embassy in 2005-06. This is the secret relation of Congress & China: BJP pres JP Nadda during Madhya Pradesh Jan Samvad Rally via video conferencing pic.twitter.com/rYJFixYbOx
— ANI (@ANI) June 25, 2020
पूर्व कांग्रेस चीफ के बारे में उन्होंने कहा- 2017 में Doklam Standoff के दौरान राहुल गुप्त रूप से दिल्ली में चीन के राजनियक से बातचीत करते थे। आज, गलवान घाटी विवाद के दौरान भी कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया का हवाला देते हुए उन्होने कहा कि राजनीति में बोल्ड फैसला लेना और सही फैसले के साथ खड़ा होना, इसके लिए बहुत बड़ा जिगरा चाहिए होता है और वो जिगरा ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने दिखाया है।
I am amazed that the Rajiv Gandhi Foundation received 3 hundred thousand USD from the People's Republic of China & the Chinese Embassy in 2005-06. This is the secret relation of Congress & China: BJP president JP Nadda during Madhya Pradesh Jan Samvad Rally via video conferencing pic.twitter.com/ArA513D0Xr
— ANI (@ANI) June 25, 2020
नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वहीं लोग हैं, जो चाइना से फंड लेकर देश में माहौल बनाते हैं। सभी राजनैतिक दल के लोगों ने पीएम से कहा कि वह सभी देशहित में एक साथ खड़े हैं। एक परिवार ने विरोध किया। इनके खाने के दांत कुछ, और दिखाने के लिए कुछ और है।
ये चाइना से फंड लेते हैं और उसके बाद वो स्टडी कराते हैं, जो देश के हित में नहीं, और ये उसके लिए वातावरण तैयार करते हैं: श्री @JPNadda #ChineseGandhis #BJPJanSamvad
— BJP (@BJP4India) June 25, 2020
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए डोनर की सूची 2005-06 की है। इसमें चीन की एम्बेसी ने डोनेट किया, ऐसा साफ है। ऐसा क्यों हुआ, क्या जरूरत पड़ी है? इसमें कई उद्योगपतियों, पीएसयू के भी नाम हैं। क्या ये काफी नहीं था कि चीन एम्बेसी से भी रिश्वत ली गई।