भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखकर मांग की हैं कि भारत में सऊदी अरब आधारित कट्टर सलाफी और वहाबी विचारधारा को भारत में फैलने से रोकने के लिए इस तरह के धार्मिक संगठनों को मिलने वाले विदेशी चंदो पर रोक लगाई जाएँ.
साथ ही उन्होंने सरकार से देशी योगदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) नियमों की समीक्षा कर इन्हें कठोर किये जाने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह के कट्टर धार्मिक संगठनों को पिछले तीन साल में इस्लामिक देशों से 134 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ है.
उन्होंने आगे कहा, ऐसे कई संगठन सलाफी विचारधारा (सऊदी शैली का इस्लाम) पर चल रहे हैं, जोकि सूफी इस्लाम के खिलाफ है. इन संगठनों को विदेशों से प्राप्त धन आमतौर पर बिल्डिंग, स्कूल, अनाथालय और मदरसा बनाने के लिए आता हैं.
चंद्रशेखर ने देश में सलाफी संगठनों की पहचान कर इनकी पूरी जांच की मांग करते हुए कहा कि एफसीआरए फंड के तहत विदेशों से दान प्राप्त करने वाले इन गैर सरकारी संगठनों की जांच और ऑडिट भी कराई जाए. ताकि यह पता लग सके कि इन चंदे का का दुरुपयोग ना हो और देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले गतिविधियों के लिए इस्तेमाल ना हो.
इसके अलावा उन्होंने जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई और उसके एनजीओ को अवैध घोषित करने की मांग करते हुए कहा, ‘जाकिर नाइक का मामला इकलौता नहीं है. एफसीआरए के माध्यम से लंबे समय से पैसा आ रहा है और कभी इसे चुनौती नहीं दी गई.
उन्होंने आगे कह, हाल ही में एनआईए द्वारा की गई कुछ गिरफ्तारी से यह बात सामने आई है कि इसने देश में चरमपंथी गुटों को तैयार किया है. यह विदेशी फंड भारत के शांति प्रिय मुसलमानों के लिए भी खतरा है.’