आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के दिलसुखनगर ब्लास्ट मामले में आए अदालत के फैसले को लेकर एनआईए की कार्यविधि पर सवाल उठाते हुए कहा कि तनी ही तेजी से मक्का-मस्जिद ब्लास्ट, समझौता ब्लास्ट या बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई क्यों नहीं की जाती.
ओवैसी ने सवाल किया, ‘‘हमारी प्रमुख जांच एजेंसियां सभी कथित आतंकवादी मामलों, 1992 से ही लंबित बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में दोषी करार दिलवाने के लिए ऐसी ही जल्दबाजी क्यों नहीं दिखातीं ?’’
2013 Dilsukhnagar blast accused all get conviction Mecca Masjid blast,AJMER Dargha Blast,Malegaon blasts Will NIA get conviction these cases
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2016
Why can't our Premier Investigation Agencies show same Urgency t convict all alleged terrorist cases Demolition BabriMasjid pending since 92
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2016
ओवैसी ने कहा कि दिलसुख नगर ब्लास्ट में जिस तरह से अधिकारियों ने दिलचस्पी दिखाई, उससे तीन साल में रिजल्ट आ गया. हम ये बोल रहे हैं कि मक्का-मस्जिद ब्लास्ट या मालेगांव ब्लास्ट में एऩआईए क्यों नहीं दिलचस्पी दिखा रहा है. स्वामी असीमानंद को बेल होने पर एनआईए अपील नहीं करता.
ओवैसी ने सवाल किया कि क्या एनआईए मक्का मस्जिद धमाके, अजमेर दरगाह धमाके और मालेगांव बम धमाके के मामलों में आरोपियों को ‘‘दोषी करार कर पाएगी ?’’ ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘2013 के दिलसुखनगर धमाका मामले के सभी आरोपियों को दोषी ठहराया गया. क्या एनआईए मक्का मस्जिद धमाके, अजमेर दरगाह धमाके, मालेगांव धमाके के मामलों में दोषी करार दिलाएगी ?’’
dilsukhnagar bomb blast accused can be convicted in 3 years why is it taking long to convict MMasjid,Ajmer,Malegaon Can NIA throw some light
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2016
Do not be surprised the way NIA is pursuing those Bomb Blast cases where accused are Non Muslims they will be exonerated bcos of Ache Din?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2016
ओवैसी ने आगे कहा, ‘‘दिलसुखनगर धमाका मामले में अदालत ने एक ऐसा फैसला दिया है जिसे निश्चित तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए और आतंकवादियों को सजा दी जानी चाहिए