लखनऊ। यूपी में मिशन 2017 की आहट से पूर्व ही प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता एमएलसी चुनाव में फिसड्डी साबित हो गए हैं। चाहे वे गृहमंत्री राजनाथ सिह हों या हेमामालिनी या फिर लक्ष्मीकांत वाजपेयी या दलित चेहरे के रूप में उभर रहे रमाशंकर कठेरिया। स्थिति यह है कि लखनऊ से लेकर मेरठ, आगरा, एटा, मथुरा जैसे कई जनपदों में भाजपा प्रत्याशियों ने अपने पर्चे वापस ले लिए हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद लगातार गिर रहे प्रदर्शन से पार्टी के लिए 2017 का रास्ता तय कर पाना मुश्किल दिख रहा है।
इसे सीधे-सीधे भाजपा के दिग्गजों राजनाथ सिंह, हेमामालिनी, लक्ष्मीकांत वाजपेयी और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रमाशंकर कठेरिया की हार के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि उनके क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशियों ने पर्चा वापस लिया है।
राजनाथ सिह
-लखनऊ-उन्नाव सीट से बीजेपी के घोषित प्रत्याशी अनिरूद्ध सिंह चंदेल ने पर्चा वापस ले लिया है।
-चुनाव में सत्ता के आगे संघर्ष मुश्किल देख पर्चा वापस ले लिया।
-अनिरूद्ध जिस सीट से चुनाव लड़ रहे थे, वहां से राजनाथ व साक्षी महाराज की प्रतिष्ठा जुडी हुई थी।
हेमामालिनी
-एटा मथुरा सीट से सपा के उदयवीर सिंह ने सफलता हासिल की है।
-यहां से बीजेपी का कोई प्रत्याशी मैदान में दम नहीं दिखा सका।
-नतीजतन, सीट निर्विरोध जीत ली गई।
-लोकसभा चुनाव में ब्रज भूमि से हेमामालिनी को लड़ाकर भाजपा ने इस सीट पर कब्जा किया था।
लक्ष्मीकांत वाजपेयी
-मेरठ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नाम से जाना जाता है।
-मेरठ सीट से बीजेपी ने सपा छोड आए वीरेन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया था।
-नामांकन के अगले दिन ही वीरेन्द्र ने भाजपा छोड़ सपा ज्वाइन कर ली।
-नतीजा, पर्चा वापसी के बाद राकेश यादव र्निविरोध हो गये।
-घर में मात खाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष जांच कराने की बात कर रहे हैं।
रमाशंकर कठेरिया
-केन्द्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री रमाशंकर कठेरिया की पहचान दलित चेहरे के रूप में है।
-यहां से भाजपा के घोषित प्रत्याशी टीपी सिंह का नामांकन से पूर्व अपहरण हो गया, जिसके चलते वे पर्चा नहीं दाखिल कर सके।
-परिणाम सीट सपा के खाते में चली गयी।
-रमाशंकर कठेरिया के बारे में कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष की कतार में हैं।
साक्षी महाराज
-उन्नाव संसदीय क्षेत्र से सांसद है।
-अपने बयानों को लेकर सदैव विवादों से घिरे रहते हैं।
-जुझारू छवि मानते हैं।
-लेकिन लखनऊ-उन्नाव सीट से लड़ रहे प्रत्याशी को हिम्मत बंधाने में नाकाम रहे।
सपा के आठ एमएलसी प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित, 28 स्थानों पर होगा 3 मार्च को मतदान
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव में नामांकन वापसी के बाद 36 स्थानों में 8 स्थानों पर गुरुवार को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी निर्विरोध विजयी हो गए हैं। 28 स्थानों पर 3 मार्च को मतदान होना है।
समाजवादी पार्टी के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र सीतापुर से आनंद भदौरिया, लखनऊ-उन्नाव क्षेत्र से सुनील यादव, एटा-मथुरा-मैनपुरी से उदयवीर सिंह यादव, आगरा-फिरोजाबाद से डॉ. दिलीप यादव, एटा-मथुरा-मैनपुरी से अरविंद यादव तथा मेरठ-गाजियाबाद से राकेश यादव प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह, बांदा-हमीरपुर से रमेश मिश्रा निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने विकास कार्यों के बल पर चुनाव क्षेत्रों में जनता के बीच जाती है। जाति और सांप्रदायिकता की नकारात्मक राजनीति से वह दूर रहती है। विपक्ष को सकारात्मक राजनीति से परहेज है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखा है। गरीब, नौजवान, दलित, अल्पसंख्यक सभी के लिए योजनाएं लागू की हैं।
त्रिस्तरीय पंचायतीराज चुनावों में समाजवादी पार्टी के 60 जिला पंचायत अध्यक्ष तथा 623 ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हुए हैं। स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्रों के लिए हुए निर्वाचन में 8 प्रत्याशी निर्विरोध जीत गए हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस जीत को जनता की जीत बताते हुए सभी मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। (eenaduindia)
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