नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नागरिकता से जुड़ा कोई भी दस्तावेज़ हरियाणा सरकार के पास नही है। इस बात की जानकारी खुद हरियाणा सरकार ने दी है।
सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से पता चला है कि हरियाणा सरकार पास मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों और राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य की नागरिकता से जुड़े दस्तावेज नहीं हैं। 20 जनवरी को पानीपत के रहने वाले एक्टिविस्ट पी.पी. कपूर ने इस संबंध में जानकारी पाने के लिए RTI दाखिल की थी।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, पीपी कपूर की आरटीआई में हरियाणा के पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर ने कहा है कि उनके रिकॉर्ड में इस संबंध में ये जानकारी नहीं है। इस जवाब में कहा गया है, ‘आपका पत्र मूल रूप में लौटाते हुए आपको सूचित किया जाता है कि मुख्यमंत्री सचिवालय शाखा के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। आपके द्वारा मांगी गई जानकारी निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध हो सकती है। अत: आप संबंधित जानकारी के लिए निर्वाचन आयोग से पत्राचार करें।’
RTI query reveals that Haryana govt doesn't have documents to prove citizenship of @cmohry @mlkhattar.@cmohry had promised to implement #CitizenshipAmendmentAct during poll campaign in September last year.@ndtv pic.twitter.com/AvhgcCswl7
— Mohammad Ghazali (@ghazalimohammad) March 4, 2020
बता दें कि पिछले साल सितंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वादा किया था कि वह अवैध प्रवासियों को हरियाणा से निकालने के लिए राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) लागू करेंगे। सीएम खट्टर ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और हाईकोर्ट सेवानिवृत्त जस्टिस एच.एस. भल्ला से मुलाकात के बाद यह बात कही थी।
उन्होंने कहा था, ‘हम असम की तर्ज पर हरियाणा में भी एनआरसी लेकर आएंगे।’ रिटायर्ड जज एचएस भल्ला ने सीएम को सलाह दी थी कि असामाजिक तत्वों को बाहर रखने के लिए यहां के निवासियों के लिए एक आईडी कार्य बनाया जाए।