अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। जिसके बाद उनके ज्ञान को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। दरअसल, उनका कहना है कि बतख के पानी में तैरने से ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है।
त्रिपुरा की कृत्रिम झील रुद्र सागर में नौका दौड़ के आयोजन में उन्होंने कहा कि, “नीरमहल के आसपास बनी कृत्रिम झील रुद्र सागर के किनारे रहने वाले मछुआरों को 50 हजार बत्तखों के बच्चे बाटंगे। जब बतख पानी में तैरती हैं तो जलाशय में ऑक्सीजन का स्तर अपने आप बढ़ जाता है। इससे ऑक्सीजन रिसाइकिल होता है। पानी में रहने वाली मछलियों को ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है। इस तरह मछलियां तेजी से बढ़ती हैं और ऑर्गनिक तरीके से मत्स्यपालन को बढ़ावा मिलता है।”
#WATCH 'Aaj maine ghoshna ki hai 50,000 desi hans (ducks) aas pass ke logon ko de diye https://t.co/JnlsyO3SZd jalasai(Neermahal Lake) mein jab 50,000 safed ducks ghumegi toh kitna sundar lagegi aur use oxygen bhi recycle hoti hai' says Tripura CM Biplab Deb (27.8.18) pic.twitter.com/1pLzb5dsHi
— ANI (@ANI) August 28, 2018
इस बयान के बाद उनकी आलोचना हो रही है। त्रिपुरा स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल व वैज्ञानिक अधिकारी और त्रिपुरा विज्ञान मंच के संयुक्त संयोजक डॉ. मिहिर लाल रॉय ने कहा कि, “मुख्यमंत्री का यह बयान कि बत्तख के पानी में तैरने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है, बेवजह की बात है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।”
त्रिपुरा विज्ञान मंच एक संगठन है जो वैज्ञानिक विचारों के प्रसार के लिए काम करता है। यह 2010 से राज्य में काम कर रहा है। रॉय ने कहा कि एकीकृत पशु पालन अच्छा है और उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है। हालांकि, जल निकायों में ऑक्सीजन के स्तर पर देब के सिद्धांत आधारहीन हैं।