देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी से हिं’सा प्रभावित इलाकों में सेना को तैनात करने की मांग की।
प्रधानमंत्री कार्यालय को टेग करते हुए उन्होंने ट्वीट किया- उत्तर पूर्वी दिल्ली में स्थिति बदतर हो रही है। अगर प्रधानमंत्री कार्यालय शांति बहाल करना चाहता है तो इसे प्रभावित क्षेत्रों में सेना को तैनात करना होगा। जान-माल की रक्षा करनी है तो इसका एकमात्र रास्ता यही है।
The situation in North East Delhi is only getting worse. If @PMOIndia wants to restore peace, it is incumbent on you that Army takes over the area. Cops have abdicated their duty & are colluding with mobs. The only way to secure lives & limbs is to hand over the area to the army
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 25, 2020
इससे पहले, ओवैसी ने कहा- दिल्ली में हुई हिंसा के लिए भाजपा के नेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा- कब तक ये लोग मेरे नाम की मिठाई खाते रहेंगे। उन्हें (जी किशन रेड्डी) वापस दिल्ली जाना चाहिए। वे हैदराबाद में क्या कर रहे हैं? वे गृह राज्यमंत्री हैं। उन्हें वहां जाकर स्थिति को नियंत्रित करना चाहिए।
Rajnath Singh should advise Amit Shah to call for the Army to deal with Anti CAA violence. If Amitji agrees it will be a blow to our democratic tradition but bringing to an end this violence is as important for our democracy to survive. Anti CAA agitation is anti national.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 25, 2020
वहीं भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ऐसी ही अपील की थी। स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि राजनाथ सिंह को अमित शाह को सलाह देनी चाहिए कि दिल्ली में सेना की तैनाती करें। नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ जो प्रदर्शन हो रहा है, उसपर सेना की कार्रवाई कमर तोड़ने का काम करेगी।
बता दें कि दिल्ली में सोमवार और मंगलवार को हुई हिं’सा की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। जीटीबी अस्पताल के एमडी सुनील कुमार ने बताया है कि कल सौ घायल लोगों को लाया गया था, जिसमें 5 मृ’त घोषित किए गए थे। वहीं आज 35 घा’यल लोगों को लाया गया जिसमें 4 मृ’त घोषित किए गए हैं। अस्पताल में भर्ती लोगों में से 50 फीसदी गोली लगने से घाय’ल हुए हैं।