धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में इंदौर की जेल में बंद कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को शनिवार को देर रात रिहा कर दिया गया। बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी।
जेल से रिहा होने के बाद मुनव्वर फारूकी ने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। उन्होने कहा, ”यह मामला अदालत में विचाराधीन है और मुझे न्याय प्रशासन पर पूरा भरोसा है, इसलिए मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।”
इंदौर सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक ने कहा कि फारुकी को आधी रात के आसपास रिहा किया गया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बावजूद, 30 वर्षीय स्टैंड-अप कॉमेडियन को भोपाल की केंद्रीय जेल प्रशासन ने यूपी के प्रयागराज जिले की एक अदालत से जारी पेशी वारंट का हवाला देते हुए रिहा करने से इनकार किया था।
इंदौर मामले में जमानत मिलने के बाद, जब फारुकी के वकीलों ने शनिवार शाम को जमानत के कागजात को जेल में जमा किया, तो जेल प्रशासन ने उन्हें इंदौर मामले में रिहा कर दिया, लेकिन प्रयागराज मामले में कॉमेडियन को रिहा नहीं किया और उन्हें वहाँ भेजने की तैयारी शुरू कर दी।
शनिवार शाम, फारुकी के इंदौर के वकील अश्वर वारसी ने इंदौर सेंट्रल जेल की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया। शनिवार देर रात प्रयागराज मामले में जेल प्रशासन को स्थगन आदेश प्राप्त हुआ, जिसके बाद कॉमेडियन को रविवार आधी रात के 12 बजे के बाद जेल से रिहा कर दिया गया।
It is nearly 30 hours since the order was passed. Yet, the order is being undermined by the MP police and jail authorities.
Is all this happening with or without the knowledge of the MP Chief Minister?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 6, 2021
बता दें कि जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों को शाम 7 बजे के बाद रिहा नहीं किया जाता, लेकिन फारूकी को आधी रात के बाद रिहा कर दिया गया। बता दे कि पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने फारुकी को रिहा न करने पर सवाल उठाए थे।
उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह अंतरिम जमानत का आदेश पारित किया था, लेकिन अभी तक फारुकी को रिहाई नहीं मिल सकी। 30 घंटे बीत जाने के बावजूद फारुकी बाहर नहीं आ सके। एमपी पुलिस और जेल प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कमतर करने का प्रयास कर रहे हैं।