राज्यसभा में बुधवार को ट्रिपल तलाक पर बिल पेश करने के दौरान कुछ बुर्कानशीन मुस्लिम महिलाओं को सरकार ने राज्यसभा की गैलरी में बिठाया था. जिन्हें तीन तलाक की समर्थक की तौर पर प्रचारित किया गया था.
इस मामले में अब सपा नेता नरेश अग्रवाल ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि राज्यसभा की गैलरी में फर्जी मुस्लिम महिलाएं बिठाई गई थी. उन्होंने कहा कि ‘इसकी क्या गारंटी है कि वो मुस्लिम थीं, आपने देखा? क्या पता वो बीजेपी के महिला मोर्चा की सदस्य हों.’
Iski kya gurantee hai ki woh Muslim thi? Aapne dekha? Kya pata BJP ke mahila morcha ki sadasya hon?: Naresh Agrawal, SP on Muslim women who were present in Rajya Sabha to observe tabling of #TripleTalaqBil pic.twitter.com/Pz1Gl2zns2
— ANI (@ANI) January 3, 2018
ध्यान रहे कांग्रेस के नेतृत्व में 18 पार्टियां ट्रिपल तलाक बिल पर पुनर्विचार चाहती है. जिसके चलते राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. इसपर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ये बिल लोकसभा से आया है. ऐसे में संशोधन के लिए एक दिन पहले नोटिस देना था.
अरुण जेटली ने कहा कि अचानक बिल को सिलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव पेश कर कांग्रेस सदन की परंपरा तोड़ रही है. जेटली ने कहा प्रस्ताव वैध नहीं है, न इसे 24 घंटे पहले दिया गया, न ही यह सही फॉर्मेट में है. विपक्ष ने सिलेक्ट कमेटी के सदस्यों के नाम भी सुझा दिए. 1952 के बाद पहली बार विपक्ष की ओर से अमान्य प्रस्ताव आया है.
ध्यान रहे तीन तलाक से जुड़ा मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक लोकसभा 28 दिसंबर को पास कर चुकी है. लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है. इस मुद्दे पर टीडीपी के 6 सदस्यों के अलग हो जाने से एनडीए के 74 सांसद ही होते हैं, जबकि यूपीए के 95 और अन्य दलों के व निर्दलीय सांसद 63 हैं.
ऐसे में यूपीए अगर साथ नहीं देता है तो बिल पास करवाने के लिए सरकार को छोटे दलों पर निर्भर रहना पड़ेगा. कांग्रेस का दावा है कि 150 सदस्य बिल को सलेक्ट कमेटी में भेजने के पक्ष में हैं.