पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ट नेता बीते कई दिनों से पार्टी के लिए नई-नई मुसीबतें पैदा करते रहते है. अब वे मध्यप्रदेश में किसानो के साथ धरने पर बैठे हुए है.
सिन्हा मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में एनटीपीसी में भूमि देने वाले आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज मामलों को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ क्लेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे है. उनकी मांग है कि किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएं.
हालांकि इस तरह का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले विदर्भ के किसानों की मांग को लेकर अकोला में यशवंत सिन्हा ने फड़नवीस सरकार के खिलाफ आमरण अनशन करने किया था.
ध्यान रहे अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावती सुर अपनाने को लेकर वे पहले ही कह चुके है कि वह भाजपा को नहीं छोड़ेंगे, पार्टी चाहे उन्हे निकाल सकती है. उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन किसी व्यक्ति और पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि नीतियों के खिलाफ है.
बता दें कि सिन्हा ने हाल ही में मोदी सरकार के विरोधियों के लिए ‘राष्ट्र मंच’ बनाया है. यह मंच ऐसे राजनेताओं और अन्य लोगों के लिए है जो देश की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. सिन्हा ने कहा कि यह एक आंदोलन है जो देश के किसानों एवं बेरोजगारों के साथ है.