नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को लेकर बिहार में बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने है। दरअसल, बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा है कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में एनआरी लागू किया जाना चाहिए।
उन्होने कहा, इन इलाकों में आबादी तेजी से बढ़ी है। ऐसा लगता है कि बांग्लादेश के नागरिक यहां आकर बस गए। बिहार और असम के सीमांचल में कोई फर्क नहीं है। इसलिए एनआरसी जितना असम के लिए जरूरी है उतनी ही बिहार के लिए भी।’
हालांकि JDU ने बीजेपी की इस मांग को खारिज कर दिया और कहा कि किसी भी हाल में देश के नागरिक को यहां से बाहर नहीं भेजना चाहिए। साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी का गठन सिर्फ असम के लिए किया है। इसे बिहार या किसी भी अन्य राज्य में फैलाने की जरूरत नहीं है।
जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि यह एक संवदेनशील मामला है। किसी भी देश को अपने नागरिकों को नहीं निकालना चाहिए। सभी दल यह मान रहे हैं कि एनआरसी अपने आप में संपूर्ण नहीं है। जेडीयू किसी भी हाल में अपने देशवासियों को बाहर निकालने का समर्थन नहीं कर सकती।’