नोट बंदी का विधानसभा चुनाव मे फायदा लेने की जुगत में है बीजेपी

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नई दिल्ली | देश भर में नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर किस तबके पर हो रहा है , यह एक बहस का विषय है. बीजेपी दावा कर रही है की इस फैसले से देश के 90 फीसदी लोग खुश है जबकि बईमान लोग इससे दुखी है. हालांकि बीजेपी के दावों में कितनी सच्चाई है यह तो बैंक के सामने लगी हुई लम्बी लम्बी लाइनों से जानी जा सकती है. केंद्र सरकार का यह कदम , बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद होगा यह तो वक्त ही बतायेगा लेकिन बीजेपी इस मुद्दे को विधानसभा चुनाव में भुनाने के लिए कमर कस चुकी है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी नोटबंदी के फैसले को विधानसभा चुनाव में जोर शोर से उठाएगी. बीजेपी के नेता का मानना है की केंद्र सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कदम है. बीजेपी चुनावो में यह प्रचारित कर सकती है की बीजेपी भ्रष्टाचार के खिलाफ है और इसके खिलाफ सख्त कदम उठा रही है. नोटबंदी इसका सबसे बड़ा सबूत है.

नवभारत टाइम्स ने बीजेपी नेता के हवाले से खबर देते हुए कहा की जिस कदम को उठाने में बाकी पार्टिया हिचक रही थी , डर रही थी , वो कदम मोदी सरकार ने उठाया है. अपने वोट बैंक की चिंता किये बगैर हमने यह कदम उठाया. यह कालेधन पर सबसे बड़ी चोट है. हम इस कदम का ठोक कर फायदा उठाएंगे. हालांकि बीजेपी में कुछ नेता ऐसे भी है जिनको ऐसा लग रहा है की इस कदम से बीजेपी का परम्परागत वोट बैंक , वैश्य समाज, नाराज हो सकता है जिसका पार्टी को नुक्सान उठाना पड़ सकता है.

उधर विपक्षी दल मोदी सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहा है. मोदी सरकार की घोषणा के बाद देश भर में मची अफरा तफरी को मुद्दा बनाते हुए , विपक्षी पार्टिया केंद्र सरकार को घेरने में लगी हुई है. विपक्ष मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगा रहा है की उन्होंने अपने पूंजीपति दोस्तों के कालेधन को ठिकाने लगा कर यह कदम उठाया. इसके अलावा मोदी सरकार के 2000 का नोट चलाने की भी आलोचना हो रही है.

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