भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर दलितों के साथ हुई हिंसा के मामले में बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सीधे-सीधे भाजपा-आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्हाेंने कहा है कि ये जाे घटना घटी है इसे राेकी जा सकती थी, लेकिन एेसा नहीं हुआ. महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार है, उसी ने हिंसा कराई है। हमें एेसा लग रहा है कि इसके पीछे बीजेपी-आरएसएस आैर जातिवादी ताकताें का हाथ है.
बसपा सुप्रीमाे ने कहा कि सरकार काे वहां पहले ही उचित प्रबंध करना चाहिए था. अगर पहले से ही सरकार वहां सुरक्षा व्यवस्था ठीक करती ताे एेसी घटना हाेती ही नहीं. उन्होंने कहा कि अपनी सियासत को चमकाने लिए हिंसा को होने दिया गया.
Yeh jo ghatna ghati hai yeh roki ja sakti thi. Sarkaar ko wahan suraksha ka uchit prabandh karna chahiye tha. Wahan BJP ki sarkaar hai aur unhone wahan hinsa karayi, lagta hai iske peeche BJP,RSS aur jaati wadi takaton ka haath hai: BSP Chief Mayawati on #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/RZAPKYsYWr
— ANI UP (@ANINewsUP) January 2, 2018
मायावती ने कहा कि हिंसा रोकी जा सकती थी, लेकिन सरकार ने सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए. ये सब एक साजिश के तहत किया गया है. इसके पीछे भाजपा और आरएसएस का ही हाथ है। इन लोगों ने ही जानबूझ कर ये कारनामा कराया है.
इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए है. इसके साथ ही सीएम ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए नेताओं से अपील की है कि वे ऐसा कोई बयान न दें, जिससे तनाव हो. उन्होंने इस घटना में मारे गए शख्स के परिजनों को दस लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की.