गुवाहाटी: नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) का पहला ड्राफ्ट सोमवार को जारी कर दिया गया है. इस ड्राफ्ट में 3.29 करोड़ लोगों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किये गए है. बाकी 1.39 करोड़ का नाम इस लिस्ट में नहीं है.
इस ड्राफ्ट में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट( AIUDF) के चीफ और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल और उनके दो बेटों के नाम नहीं हैं. अपना और अपने परिवार के सदस्यों का नाम नहीं होने पर अजमल ने कहा, पहले फेस में अगर नाम नहीं आया तो सेंकेड फेस में आएगा. इससे आम लोगों को निश्चित रहना चाहिए कि हमारा नाम नहीं आया तो बड़े-बड़े नाम भी नहीं आये. इसमें डरने की कोई बात नहीं है.
इस मामले को लोकसभा में उठाये जाने पर बदरुद्दीन अजमल ने कहा, अगर हमने पार्लियामेंट में ये मसला उठाया तो आम लोगों में बेचैनी हो जाएगी और हम नहीं चाहते की बेचैनी पैदा हो. जो असली असम के लोग है उनका नाम नहीं काटा जाएगा. राजनीति तो पहले से ही चल रही है लेकिन हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि ये मामला राजनीति के हाथ में नहीं जाएगा और हमें इंसाफ मिलेगा.
इस मामले में अब कांग्रेस ने कहा कि इस काम में किसी भी नागरिक के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कांग्रेस प्रवक्ता, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि नागरिकों की पहचान के काम में पारदर्शिता तथा विश्वसनीयता बरती जानी चाहिये और पूरी जिम्मेदारी के साथ हर नागरिक की जांच-पड़ताल की प्रक्रिया होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी नागरिक को दस्तावेजों के बहाने प्रताड़ित करने या उनके उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कांग्रेस पार्टी समाज के सभी वर्गों के साथ न्याय की पक्षधर है और इस कार्य में असम के किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव स्वीकार नहीं किया जाएगा.