
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत द्वारा बुधवार को ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के सबंध में विवादित टिप्पणी करने को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है.
गुरुवार को बदरूद्दीन अजमल ने सवाल उठाते हुए कहा कि ‘अगर सेना प्रमुख कहते हैं कि असम में जनसांख्यिकीय बदलाव हो रहे हैं तो यह सरकार का काम है कि इसकी जांच करे. हमारी इकलौती पार्टी है जो यह कहती है कि जिसने भी हमारी सीमाओं में घुसपैठ की है तो उसे गोली मार दी जाए.’
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘लोग कहते हैं कि हम मुस्लिम पार्टी हैं जो कि एक झूठ है. हम सभी चुनावों में हमेशा 20-25 सीट अपने हिंदू भाइयों को देते हैं. मुस्लिम भाइयों ने इस देश की आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानियां दी हैं.
Have asked for time to meet from the President, PM & Home Minister. Our MLA delegation will meet & clarify our position. Whenever I meet HM, he meets me warmly and addresses me as 'Badruddin Bhai'. If we were anti-national would he welcome me: Badruddin Ajmal, AIUDF pic.twitter.com/MiX1OHsuzh
— ANI (@ANI) February 22, 2018
अजमल ने कहा कि हमने प्रधानमंंत्री, राष्ट्रपति और गृहमंत्री से मिलने का समय मांगा है. हमारे विधायकों का एक प्रतिनिधमंडल उनसे मिलकर हमारा पक्ष उनके सामने रखेगा. उन्होंने कहा, जब कभी हम गृहमंत्री से मिलते हैं तो वह हमसे पूरे जोश के साथ मिलते हैं और हमें बदरूद्दीन भाई कहकर बुलाते हैं. अगर हम एंटी नेशनल होते तो क्या वह हमारा स्वागत करते’
उन्होंने कहा, ‘संविधान ने सेना प्रमुख को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सैन्य बलों के नेतृत्व की जिम्मेदारी दी है, किसी राजनीतिक दल के विस्तार पर नजर रखने के लिए नहीं.’
ध्यान रहे एक सेमीनार में आर्मी चीफ ने कहा कि ”एक पार्टी है एआईयूडीएफ, अगर आप देखें तो बीजेपी का इतने वर्षों में जितना विस्तार हुआ, उसके मुकाबले एआईयूडीएफ का तेजी से विस्तार हुआ. जब हम जनसंघ की बात करते हैं और बात करते हैं इसे दो सांसदों से वे कहां पहुंच गए तो हमें यह भी देखना चाहिए कि एआईयूडीएफ असम में तेजी आगे बढ़ रही है. आखिरकार हमें यह देखना होगा कि असम कैसा राज्य होगा.”