बांग्लादेशी हिन्दु घुसपेठियों को लेकर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के नेता बदरुद्दीन अजमल ने कांग्रेस और बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दोनों ही इस मुद्दें पर एक साथ है.
अजमल ने अपने ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस और बीजेरी एक सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों ही पार्टियां असम में बांग्लादेशी हिंदुओं को रखना चाहती हैं.’ 2011 के विधानसभा चुनाव के दौरान करीमगंज में एक बैठक के दौरान तरुण गोगोई ने कहा था कि बांग्लादेशी हिंदुओं को नागरिकता दी जानी चाहिए. 2016 में बीजेपी ने भी यही बात कही. दोनों में क्या अंतर है.’
And now that same @tarun_gogoi and Congress compares us with the BJP. There can't be bigger hypocrisy than this. Actually congress is worried on our growing popularity and they are losing their ground.
2— Maulana Badruddin Ajmal, MP (@BadruddinAjmal) February 24, 2018
उन्होंने तरुण गोगोई को ढोंगी करार देते हुए कहा कि ‘अब वही तरुण गोगोई और कांग्रेस हमारी तुलना बीजेपी से कर रहे हैं. इससे बड़ा ढोंग कुछ हो ही नहीं सकता. हकीकत यह है कि कांग्रेस हमारी बढ़ती लोकप्रियता से चिंतित है और वह असम में अपना आधार खो रही है.’
ध्यान रहे असम में मुसलमानों की आबादी 34 फीसदी से ज्यादा है. दावा किया जाता है कि इनमे कई लोग बांग्लादेशी है. बीजेपी चुनावों से पहले वादा कर चुकी थी कि वह अवैध बांग्लादेशी मुस्लिमों को निकालेगी और असम में अवैध घुसपैठ करने वाले हिंदुओं को नागरिक का दर्जा देगी.
इसी सिलसिले में नागरिकता कानून में संशोधन के लिए एक कानून संसद में लंबित है. ऐसे में स्पष्ट है कि जो जिन मुसलमानों का नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) में नाम नहीं आया वो विदेशी होंगे. वहीँ दूसरी और जो हिन्दू विदेशी है उनको असम की बीजेपी सरकार भारत की नागरिकता देगी.
इस पुरे मामले में बीजेपी का मकसद असम में मुस्लिमों की जनसँख्या कम कर बांग्लादेश से आए हिंदुओं को नागरिक का दर्जा देना है. ताकि असम हिंदू बहुल राज्य बना रहे.