नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावती तेवर को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने लोगों के भरोसे के साथ धोखा किया है। उन्होंने ना सिर्फ लोगों के भरोसे बल्कि विचारधारा से भी विश्वासघात किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे लोगों ने यह साबित किया है कि ये लोग बिना सत्ता के नहीं रह सकते हैं। जितना जल्दी ये लोग जाएं उतना ही अच्छा है।
सीएम गहलोत ने कहा कि ऐसे समय में जबकि देश संकट में हो, बीजेपी के साथ हाथ मिलाना एक नेता की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को परिलक्षित करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थानों और देश के सामाजिक ताने बाने को तहस नहस कर रही है।
Joining hands with BJP in a time of national crisis speaks volumes about a leaders self-indulgent political ambitions. Especially when the BJP ruining the economy, democratic institutions, social fabric and as well the Judiciary.
1/2— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020
Mr Scindia has betrayed the trust of the people as well as the ideology. Such people proves they can’t thrive without power. Sooner they leave the better.
2/2— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020
सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके समर्थक माने जाने वाले 22 विधायकों ने राज्यपाल के पास इस्तीफा भेज दिया है। इसी बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 6 पत्र बागी विधायकों को मंत्री पद से हटाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है। जिन 6 विधायकों को मंत्री पद से हटाने के लिए मुख्यमंत्री ने पत्र लिखा है उनके नाम इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युमन सिंह तोमर, डॉक्टर प्रभुराम चौधरी हैं।
बता दें कि इस्तीफा देने से पहले सिंधिया दिल्ली में सुबह अपने आवास से निकलकर सीधे गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे और इसके बाद शाह के साथ ही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पहुंच गए। पीएम के आवास पर सिंधिया की बैठक सुबह 10.45 बजे शुरू हुई।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020
करीब एक घंटे तक पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बैठक चली. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सिंधिया अमित शाह की कार में बैठकर ही बाहर निकले। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।