नई दिल्ली: तीन तलाक के मुद्दे पर मोदी सरकार के रुख की मुखालफत कर रहे आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक के जरिए महिलाओं को न्याय दिलाना तो एक बहाना है, निशाना तो शरीयत है.
उन्होंने तलाक पीड़िताओं के लिए मासिक गुजारे भत्ते की मांग करते हुए कहा कि सरकार को बजट में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन महिलाओं को तीन तलाक दिया गया है, उनको हर महीने 15 हजार रुपये गुजारे के लिए मिले. उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि 15 लाख नहीं तो 15 हजार ही दे दो मित्रों.
'Justice for women is an excuse, the target is Shariat': Asaduddin Owaisi on Triple Talaq, also said that, 'money should be allocated in budget to give Rs 15 thousand per month to women who have been given #TripleTalaq, 15 lakh nahi to 15 hazar hi dedo mitron' pic.twitter.com/KkYZhAN5Bj
— ANI (@ANI) January 22, 2018
ओवैसी ने कहा, केंद्र सरकार का मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 धर्म या विश्वास का मुद्दा नहीं, बल्कि लैंगिक समानता और लैंगिक न्याय का मुद्दा है.
बीते दिनों पद्मावत फिल्म को बकवास करार देते हुए ओवैसी ने कहा, ”फिल्म देखने न जाएं. ईश्वर ने आपको दो घंटे की फिल्म देखने के लिए नहीं बनाया है.”ओवैसी ने कहा, ”फिल्म बहुत बुरी और बकवास है..मुस्लिम समुदाय को राजपूतों से सीखना चाहिए जो फिल्म को रिलीज नहीं होने देने के लिए एकजुट हैं.”