निज़ामुद्दीन मरकज मरकज मामले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि मीडिया चापलूसी में झूठा प्रोपेगेंडा चला रहा है।
ओवैसी ने कहा, “कुछ मीडिया वाले केंद्र सरकार की चापलूसी करने की वजह से कोविड-19 को लेकर झूठा प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। इनको इंसानियत से कोई लेना देना नहीं है। सच कहें तो कोविड-19 का कोई धर्म नहीं है। पूरे विश्व में लाखों लोग कोरोना से संक्रमित हैं, क्या ये हमने फैलाया है? अमेरिका में एक लाख से ऊपर कोरोना से संक्रमित हैं। क्या ये हमने फैलाया है? इटली, स्पेन वगैरह कई देशों में हजारों लोग मर रहे हैं, क्या इसके लिए भी हम जिम्मेदार हैं?”
उन्होने कहा,“आप लोग ये कर सकते हैं कि जिन्होंने इस कार्यक्रम आयोजित किया, उनपर उंगली उठा सकते हैं, मगर उनकी वजह से पूरे धर्म को बदनाम करना बहुत गलत है. ये मीडिया का झूठा प्रोपेगेंडा है।” ओवैसी ने मीडिया से विनती की है कि कृपया 15 दिनों तक हिंदू-मुस्लिम न करें। फिलहाल देश में बहुत बड़ी आफत आई हुई है। उसके बाद हमेशा की तरह आप हिंदू-मुस्लिम करते रहिये।
Jis insaan ka inteqaal waba ki wajah se hota hai, Islam mein uska darja shaheed ka hota hai. Shuhadah ko ghusl aur kafan ki zaroorat nahi hoti aur unhein jald se jald dafan kiya jaana chahiye https://t.co/lmQJxf30cZ
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 2, 2020
कोरोना वायरस से मारे जाने वालों को ओवैसी ने शहीद का भी दर्जा दिया। ओवैसी ने कहा कि जो 8 लोग शहीद हुए हैं, उनमें से 4 लोगों का पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित है। सरकार उन सभी को क्वारंटाइन में रख रही है, जो कि दिल्ली के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे।
हालांकिबीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार को ट्वीट कर ओवैसी र निशाना साधा है। बीजेपी नेता संबित पात्रा ने लिखा, ‘क्या ये शहादत की नई परिभाषा है? क्या जो लोग निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात से वापस आए हैं, ये उन्हें प्रोत्साहित करने का तरीका है?’