अमेरिका में विश्व हिन्दू कांग्रेस में संघ प्रमुख मोहन भागवत के शेर और कुत्ते वाले बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि कुत्ता कौन है और शेर कौन है?
ओवैसी ने कहा, ‘आखिर कौन शेर है और कौन कुत्ता है? भारतीय संविधान सबको इंसान मानता है और किसी को शेर या कुत्ता नहीं कहता। आरएसएस के साथ दिक्कत यही है कि उन्हें संविधान में भरोसा नहीं है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह उनकी (आरएसएस) विचार पद्धति है जिसके तहत वे खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता समझते हैं। आरएसएस की पिछले 90 सालों से यही भाषाशैली रही है। मुझे इस पर आश्चर्य नहीं है। लोग इस भाषा का जवाब देंगे।’
So who are dogs and the lion? Indian Constitution defines everyone as humans & doesn't treat them as dogs or lion. The problem with RSS is that they don't believe in Indian constitution: A Owaisi on RSS Chief's statement, "if a lion is alone, wild dogs can invade & destroy it" pic.twitter.com/XLipWRiO0e
— ANI (@ANI) September 8, 2018
इसके अलावा भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के पौत्र और पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर ने भी भागवत के बयान की आलोचना की है। भारिप बहुजन महासंघ के नेता आंबेडकर ने कहा, ‘दरअसल, संघ प्रमुख ने ‘कुत्ते’ शब्द का इस्तेमाल देश की विपक्षी पार्टियों के लिए किया था। मैं भागवत की इस मानसिकता की निंदा करता हूं। राजनीतिक दलों का सत्ता में आना-जाना लगा रहता है, लेकिन विपक्षी पार्टियों की कुत्तों से तुलना करना ठीक नहीं।’
बता दें कि भागवत ने शिकागो में विश्व हिन्दू सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ‘हिन्दू हजारों वर्षों से प्रताड़ित हो रहे हैं क्योंकि वो अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना और आध्यात्मिकता को भूल गये हैं. शेर अकेला हो तो उसे जंगली कुत्ते भी घेरकर हरा सकते हैं, इसीलिए हिंदुओं का मिलकर काम करना जरूरी है.’