
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने JDU के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा की सदस्यता को खत्म कर दिया है. ऐसे में अब अली अनवर ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.
अनवर ने कहा कि इस फैसले से हम लोग डरने वाले नहीं है. संसदीय इतिहास में ये पहला फैसला है जहां राज्यसभा के सभापति ने खुद किया हो. जबकि इससे पहले जो फैसले हुए हैं वो प्रोविजिनल कमेटी, एथिक्स कमेटी के जरिए हुए हैं. बता दें कि सोमवार को वेंकैया ने तत्काल प्रभाव से दोनों की उच्च सदन से सदस्यता खत्म की है.
इस मामले में शरद यादव ने ट्वीट किया, “मुझे राज्यसभा से अयोग्य घोषित किया गया क्योंकि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को हराने के लिए बनाए गए महागठबंधन को 18 महीने बाद सत्ता में बने रहने के लिए तोड़ दिया गया. अगर इस गैर-लोकतांत्रिक कार्यशैली के खिलाफ बोलना मेरी गलती है तो मैं लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा.”
ध्यान रहे कुछ दिन पहले JDU का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता को रद्द करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि दोनों नेता पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं और इसी वजह से उन दोनों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए.
शरद यादव की सीट पर राज्यसभा पहुंचने वाले दावेदारों में JDU के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी और संजय झा का नाम सबसे आगे है.