नई दिल्ली: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की और से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हो रहे भूमि पूजन पर दिये गए बयान को लेकर तंज़ कसा है।
ओवैसी ने कहा कि खुशी है कि वे अब नाटक नहीं कर रहे हैं। कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा को गले लगाना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन भाईचारे के मुद्दे पर पर वो खोखली बातें क्यों करती हैं। बता दें कि प्रियंका गांधी ने बयान जारी कर कहा, सबके दाता राम हैं। यह आयोजन भारत में दोस्ती और भाईचारे के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता का उत्सव हो सकता है।
उन्होने अपने ट्वीट में लिखा, राम सब में हैं, राम सब के साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
प्रियंका गांधी ने बयान में कहा, दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाश पुंज की तरह आलोकित है। भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्म, नीति, कर्तव्यपरायणता, त्याग, उदात्तता, प्रेम, पराक्रम और सेवा की प्रेरण पाती रही है। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है। श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिअनंता है।
सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं।
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
मेरा वक्तव्य pic.twitter.com/ZDT1U6gBnb
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 4, 2020
कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने अपने बयान में लिखा है, युग-युगांतर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता का जोड़ने का सूत्र रहा है। भगवान राम आश्रय है और त्याग भी। राम सबरी के हैं, सु्ग्रीव के भी। राम वाल्मीकि के हैं, और भास के भी। राम कंबन के हैं और एषुत्तच्छन के भी। राम कबीर के हैं, तुलसीदस के हैं, रैदास के हैं। सबके दाता राम हैं। गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वालें हैं। वारिस अली शाह कहते हैं, जो रब है यही राम है।
प्रियंका गांधी ने बयान में कहा है, राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को निर्बल का बल कहते हैं। तो महाप्राण निराला वह एक और मन रहा राम का जो न थका की कालजयी पंक्तियों से भगवान राम को ‘शक्ति को मौलिक कल्पना’ कहते हैं। राम साहस हैं, राम संगम हैं, राम संयम हैं, राम सहयोगी हैं। राम सबके हैं। भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं। इसलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम है।