सुप्रीम कोर्ट ने बजट की तारीखे आगे बढाने से किया इनकार , 1 फरवरी को होगा पेश

नई दिल्ली | पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावो से पहले आम बजट पेश करने के केंद्र के फैसले पर विपक्ष की आपत्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने दरनिकार करते हुए इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को राहत देते हुए 1 फरवरी को आम बजट पेश करने की इजाजत दे दी है. इससे पहले विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल बजट की तारीखों को आगे बढाने का आग्रह किया था.

सोमवर को कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए विपक्ष की याचिका को ख़ारिज कर दिया. कोर्ट ने यह मानाने से इनकार कर दिया की बजट से चुनावो पर कोई असर पड़ेगा. इसके अलावा कोर्ट ने इसे आचार संहिता का उलंघन मानने से भी इनकार कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आम बजट अब 1 फरवरी को ही पेश किया जाएगा. मालूम हो की विपक्ष की दलील थी की चुनाव से पहले बजट पेश करने से निष्पक्ष चुनाव कराने की प्रक्रिया को धक्का लगेगा. विपक्ष को अंदेशा है की सत्ता पक्ष, बजट में लोक लुभावन घोषनाये कर वोटर को प्रभावित कर सकता है.

इससे पहले साल 2012 में भी इसी तरह की स्थिति उत्पन हुई थी. तब युपीए की सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट की तारीख को आगे बढाते हुए, मार्च में आम बजट पेश किया था. विपक्षी दल , मुख्य तौर पर कांग्रेस को उम्मीद थी की केंद्र सरकार अभी तक के प्रचालन को आगे बढाते हुए मार्च में आम बजट पेश करेगा. लेकिन बीजेपी की केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को आम बजट पेश करने की घोषण कर दी.

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावो का पहला चरण 4 फरवरी से शुरू होगा. इसका मतलब यह है की पहले चरण के चुनावो से तीन दिन पहले वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करेंगे. आजाद भारत के इतिहास में यह पहली बार होगा की चुनाव से पहले आम बजट पेश किया जाएगा. वैसे हमेशा फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता है लेकीन इस बार यह काफी पहले पेश किया जा रहा है.

विपक्ष का आरोप है की सरकार जानबूझकर जल्दी बजट पेश कर रही है. बजट को रुकवाने के लिए विपक्ष पहले चुनाव आयोग पहुंचा और उनसे गुहार लगाई की निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यह जरुरी है की बजट की तारीखों को आगे बढाया जाए. इसके बाद विपक्ष का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से भी मिला. अंत में विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहाँ से उन्हें निराशा ही हाथ लगी. ज्यों के चुनाव संपन्न होने के बाद पेश किया जाए

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