नई दिल्ली | ईवीएम् में कथित छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर बसपा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनके साथ साथ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. अपनी याचिका में सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बिना पेपर ट्रेल मशीन संलग्न किये चुनाव कराये जा रहे है.
गुरुवार को इसी मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने 8 मई तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है. अपने नोटिस में कोर्ट ने पुछा है की अभी तक पेपर ट्रेल मशीन को ईवीएम् के साथ क्यों नही जोड़ा गया है. मालूम हो की सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ही चुनाव के दौरान VVPAT मशीन का इस्तेमाल जरुरी कर दिया था.
लेकिन चुनाव आयोग अभी तक भी VVPAT मशीन को सभी बूथों पर लागु नही कर पाया है. अभी हाल ही सम्पन्न हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावो में भी कही कही इस मशीन का इस्तेमाल किया गया. हालाँकि चुनाव आयोग ने बार बार कहा की फंड की कमी की वजह से सभी बूथों पर इसको लागू करने में परेशानी आ रही है. इसके लिए चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रूपए की मदद भी मांगी है.
चुनाव आयोग का कहना है की 2019 के लोकसभा चुनावो में सभी बूथों पर VVPAT मशीन लगा दी जाएगी. मालूम हो की बसपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावो में करारी हार के बाद ईवीएम् पर हार का ठीकरा फोड़ा था. इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. बसपा ने मांग की है की आगामी सभी चुनावो में ईवीएम् के साथ साथ VVPAT को जरुरी कर दिया जाये. इसी तरह की मांग कांग्रेस ने भी कोर्ट से की है.
Implementation of VVPAT issue: SC bench issues notice to Election Commission, seeks reply by May 8 on BSP & SP’s Ataur Rehman petitions pic.twitter.com/G25AmkcyB5
— ANI (@ANI_news) April 13, 2017