जयपुर | नोट बंदी के बाद से पूरा देश जहाँ बैंकों की लाइन में लगा हुआ है वही कुछ लोगो के पास करोडो रूपए के नए नोट बरामद हो रहे है. एक हफ्ते में 24 हजार रूपए निकालने की लिमिट लगने के बाद इतना रूपए इन लोगो तक कैसे पहुँच रहा है, इस सवाल का जवाब अब धीरे धीरे मिलने लगा है. बिना बैंक की सांठ गाँठ के यह मुमकिन नही है. नोट बंदी के बाद , आयकर विभाग पूरा सतर्क है और जगह जगह छापेमारी कर रहा है.
नोट बंदी के फैसले के बाद मोदी ने अपने हर भाषण में बैंक कर्मियों की तारीफ की है. उन्होंने कहा की हमें उन बैंक कर्मचरियों को सलाम करना चाहिए जो देश हित में इतनी मेहनत कर रहे है. हालंकि पूरा बैंकिंग सिस्टम ख़राब है, ऐसा कोई नही कह रहा है लेकिन कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों की वजह से बैंकिंग सेक्टर बदनाम हो रहा है. एक्सिस बैंक के कई मेनेजर के खिलाफ आयकर विभाग पहले ही नोटिस जारी कर चुका है.
कुछ बैंक, कालाधन सफ़ेद करने के गोरखधंधे में शामिल है. जयपुर में भी इस तरह के खेल का पर्दाफाश हुआ है. आयकर विभाग ने यहाँ के एक कोआपरेटिव बैंक में छापा मारकर 157 करोड़ रूपए कैश बरामद किया है. इसके अलावा 2 किलो सोना और 1.38 करोड़ के नए नोट भी बरामद हुए है.
ईटीवी राजस्थान की खबर के अनुसार, यहं के द इंटीग्रल अर्बन कोआपरेटिव बैंक में आज आयकर विभाग ने छापा मारा. इस बैंक को वर्ल्ड एजुकेशन सोसाइटी चलाती है. किसी गुप्त सूचना के आधार पर आयकर विभाग ने जैसे ही बैंक पर छापा मारा, यहाँ के ग्राहकों में खलबली मच गयी. खबर के अनुसार छापे में बरामद रकम को देखकर , आयकर विभाग की आँखे फटी की फटी रह गयी.
इस छापेमारी में , बैंक के दो लाकर्स भी खोले गए जिसमे से दो किलो सोना बरामद हुआ. आयकर विभाग को यहाँ से डेढ़ करोड़ रूपए के करीब नए नोट भी बरामद हुए . पिछले कुछ दिनों में आयकर विभाग की यह सबसे बड़ी छापेमारी है. इससे पहले हुई छापेमारी में आयकर विभाग 70 करोड़ रूपए की नयी करेंसी बरामद कर चूका है. अभी तक 4 लाख करोड़ रूपए नए नोट बांटे जा चुके है. इनमे से कितने इन कालाबाजारियो के पास पहुंचे है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.