नई दिल्ली | राष्ट्रिय गान के ऊपर सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा की देश के हर सिनेमा घर में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रिय गान चलाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रिय गान के व्यावासिक इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रिय गान को राष्ट्रिय एकता और देशभक्ति से जुड़ा होना बताया.
राष्ट्रिय गान के व्यावासिक इस्तेमाल को लेकर डाली गयी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की सिनेमा घर में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रिय गान चलाना अनिवार्य होगा, जब तक राष्ट्रिय गान चलेगा परदे पर तिरंगा झंडा दिखाना होगा. उस समय सिनेमा हाल में बैठे सभी दर्शको को खड़ा होना अनिवार्य है. हालाँकि देश के ज्यादातर सिनेमा घरो में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रिय गान चलाया जाता था लेकिन यह अनिवार्य नही था.
सुप्रीम कोर्ट में डाली गयी याचिका में कोर्ट से यह भी मांग की गयी थी की राष्ट्रिय गान के व्यावासिक इस्तेमाल पर रोक लगे, ड्रामा क्रिएट करने के लिए राष्ट्र गान का इस्तेमाल न हो, एक बार शुरू होने पर राष्ट्रिय गान खत्म होने तक न रोका जाए और किसी भी अन्य धुन के साथ राष्ट्रिय गान को न गाया जाए. यह याचिका श्याम नारायम चौकसे ने सुप्रीम कोर्ट में डाली थी.
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की राष्ट्रिय गान , राष्ट्रिय एकता, राष्ट्रिय पहचान और देशभक्ति से जुड़ा हुआ है. इसलिये इसका इस्तेमाल व्यावासिक गतिविधियों के लिए नही किया जा सकता. इसके अलावा राष्ट्रिय गान का इस्तेमाल ड्रामा क्रिएट करने के लिए भी नही किया जाएगा. इसके अलावा कोर्ट ने राष्ट्रिय गान को किसी भी जगह गाने के तौर पर रखने पर भी रोक लगा दी है.