सलाफी स्कॉलर जाकिर नाईक की नजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना के साथ वह ओसामा बिन लादेन का गुणगान करने के साथ हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ भाषण देते थे.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आईआरएफ पर प्रतिबंध लगाने के लिए गए फैसले के दो दिन बाद जारी गजट अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि नाइक और उसकी संस्था धर्म के नाम पर असहिष्णुता, द्वैष और घृणा फैलाने का काम करते हैं.
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार नाईक कहता था कि अगर मुस्लिम चाहते तो 80 प्रतिशत हिंदू रह नहीं पाते. मंत्रालय का कहना है कि जाकिर नाईक दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने का काम करता था और लोगों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करता था कि वे आपस में दुश्मनी करें. वह इसमें उनकी सहायता भी करता था.
अधिसूचना में कहा गया, ‘केंद्र सरकार को सूचना मिली थी कि आईआरएफ अध्यक्ष जाकिर नाइक के भाषण आपत्तिजनक हैं और उनकी प्रकृति विध्वंसकारी हैं क्योंकि वह ओसामा जैसे आतंकवादियों का गुणगान करता था और कहता था कि प्रत्येक मुस्लिम को आतंकवादी होना चाहिए. वह दावा करता था कि यदि इस्लाम वास्तव में चाहता तो 80 प्रतिशत भारतीय जनसंख्या हिंदू नहीं रहती क्योंकि तलवार के बल पर उनका धर्मांतरण करा दिया जाता.’