लखनऊ । उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बने क़रीब 9 महीने हो चुके है। इन 9 महीनो में योगी सरकार, मदरसों को लेकर काफ़ी सक्रिय दिखायी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसो को लेकर कई आदेश जारी किए, जिन पर विवाद भी हुआ। चाहे मदरसों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया हो या फिर स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने और राष्ट्र्गान अनिवार्य करने का आदेश।
सभी मामलों में मुस्लिम संगठनो ने एतराज़ जताया। हालाँकि सरकार का कहना है की वह मदरसों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए यह क़दम उठा रही है। इसी बीच योगी सरकार ने मदरसों के पाठयक्रम को लेकर भी एक आदेश जारी कर आग में घी डालने का काम किया। इतना विवाद होने के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक और आदेश जारी किया है जिस पर फिर से विवाद होना लाज़िमी है।
दरअसल योगी सरकार की और से मदरसों के लिए छुट्टियों का कलेंडर जारी किया है। इस कलेंडर में कई चौकाने वाली छुट्टियाँ शामिल की गयी है। सरकार के आदेश के अनुसार अब मदरसों में हिंदू त्योहारों की भी छुट्टियाँ दी जाएगी। इस छुट्टी कलेंडर में सरकार ने दिवाली समेत छह हिंदू त्योहारों की छुट्टियाँ शामिल की है। अब मदरसों में दिवाली, दशहरा, बुध पूर्णिमा, महावीर जयंती, रामनवमी, रक्षाबंधन और क्रिसमस की छुट्टियाँ अनिवार्य होंगी।
इस कलेंडर में योगी सरकार ने जहाँ 7 छुट्टियाँ को जोड़ा है वही कई छुट्टियाँ कम भी की गयी है जिस पर विवाद हो सकता है। दरअसल सरकार ने ईद और मोहर्रम समेत क़रीब 6 छुट्टियाँ कम कर दी है। अब मदरसों में साल में ईद और मुहर्रम के लिए मिलने वाली 10 दिन की छुट्टी को घटाकर 4 कर दिया गया है। इस बारे में सरकार का तर्क़ है कि ऐसा कर मदरसों और बेसिक सरकारी स्कूलों को एक समान किया जा रहा है जिससे कही कोई भेदभाव न हो।