नई दिल्ली, मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया यानी एमएसओ के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे और अंतिम दिन इस बात पर सहमति बनाई गई कि चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में संगठन को काफ़ी सतर्कता बरतनी होगी ताकि जो लोग साम्प्रदायिक आधार पर बँटवारा कर अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करना चाहते हैं उसके मंसूबे कामयाब ना हों। दूसरे दिन की बैठक में सभी राज्यों से आए छात्र प्रतिनिधियों ने एक स्वर में यह स्वीकार किया कि पूरे देश में दलित और मुसलमान के ख़िलाफ़ योजनाबद्ध तरीक़े से कार्य किया जा रहा है जिसके जवाब में एमएसओ दलित भाई बहनों के साथ मिलकर समाज को आगे बढ़ाएंगे।
दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि एमएसओ की राज्यों यूनिटों के सभी प्रतिनिधियों ने मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन के अधिवेशन के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान मुस्लिम विद्यार्थियों को सतर्क रहने और साम्प्रदायिक आधार पर समाज को बँटने से रोकने की हिदायत दी गई। क़ादरी ने कहाकि इसके अलावा यही निर्देश पंजाब, गोवा और उन सभी राज्यों की यूनिटों को दिए गए जहाँ जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
‘वॉटर विद दलित’ क्रांतिकारी प्रयोग- क़ादरी
बहुत क्रांतिकारी होगा ‘वॉटर विद दलित’– इमरान रजवी
बाबासाहेब अंबेडकर ने दी धार्मिक स्वतंत्रता- हमदानी
गुजरात प्रदेश की एमएसओ कार्यकर्ता अब्दुल कादिर हमदानी ने कहाकि बेशक भारत और पाकिस्तान के बँटवारे के बाद जो मुसलमान भारत में रुक गए उन्हें नहीं मालूम था कि भारत का संविधान कैसा होगा। लेकिन चूँकि मुसलमान जानते थे कि जिस संविधान की ज़िम्मेदारी बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के हाथों में है, वहाँ उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता अवश्य मिलेगी। मुसलमानों की उम्मीद को ही नहीं बल्कि देश के सभी अल्पसंख्यकों की उम्मीदों को बाबासाहेब ने पूरा किया। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान साम्प्रदायिक आधार पर बना एक देश था जो फेल हो गया लेकिन बाबासाहेब के आइडिया पर भारत धर्म निरपेक्ष राज्य बना जिसमें दी गई धार्मिक स्वतंत्रता पर हमें गर्व है।
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया यानी एमएसओ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे, दलित के साथ मिलकर कार्य करने के अलावा नौकरियो में आरक्षण, बढ़ता हुआ कट्टरवाद और जाकिर नाईक और वहाबी संस्थाओ पर प्रतिबंध लगाने आदि मुद्दों पर भी चर्चा की।