उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के गांव करथिया में 26 बच्चों को बंधक बनाने वाले शख़्स सुभाष बाथम की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई है। सभी बच्चे को भी सुरक्षित रिहा करा लिया गया है। इसी बीच आरोपी सुभाष की पत्नी के भी मारे जाने की खबर है।
जानकारी के अनुसार, सुभाष के मारे जाने के बाद उसकी पत्नी रूबी ने भागने का प्रयास किया तो ग्रामीणों के उसे पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की। पुलिस ने घायल रूबी को भीड़ के कब्जे से छुड़ाया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी मौत हो गई।
कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि भीड़ के हाथों पिटाई से बुरी तरह घायल महिला को बचाने का प्रयास किया गया। उसे फौरन इलाज के लिए भेजा गया लेकिन अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम से साफ होगा कि महिला की मौत कैसे हुई है।
#UPDATE IG Kanpur Range Mohit Agarwal: The woman has succumbed to injuries, we are waiting for post mortem report, further details on cause of death will only come out after the report. #Farrukhabad https://t.co/Qd85Hg7AtM
— ANI UP (@ANINewsUP) January 31, 2020
मोहित अग्रवाल ने बताया कि अपहर्ता प्रति बच्चा एक करोड़ रुपए की मांग कर रहा था। इसके साथ ही वो अपने ऊपर चल रहे हत्या के मुक़दमे को भी वापस लिए जाने की मांग कर रहा था। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी पुलिस टीम को 10 लाख रुपये इनाम के तौर पर देने की घोषणा की है।
बता दें कि गुरुवार दोपहर बेटी के जन्मदिन के बहाने सुभाष बाथम ने गांव के बच्चों को अपने घर दावत पर बुलाया था। सभी बच्चे दोपहर क़रीब तीन बजे तक उनके घर पहुंच गए। इसके बाद सुभाष बाथम ने घर के मुख्य दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया। शाम क़रीब साढ़े चार बजे जब एक महिला अपने बच्चे को लेने पहुंची, तब उसे पता चला कि बच्चे सुभाष बाथम के क़ब्ज़े में हैं। महिला ने ही पुलिस को सूचना दी।
गांव वाले और पुलिस जब उन्हें छुड़ाने पहुंचे तो उसने गोलीबारी की। बम फेंका। इसमें कोतवाल समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके अलावा समझाने पहुंचे चोरी के मामले में जमानत लेने वाले दोस्त को भी उसने गोली मार दी। हालांकि देर रात उसने आदेश बाथम की 6 महीने की बेटी शबनम को छत के मोखले से पुलिस को सौंप दिया।
इसके बाद उसने डीएम के नाम एक टाइप किया हुआ पत्र बाहर फेंका, जिसमें लिखा है कि प्रधान ने उसे कालोनी नहीं दी और न ही शौचालय बनवाया। इसके बाद ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सुभाष के घर का दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाल लिया। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद वह छुड़ाकर अंदर भागा तो पीछे से पुलिस भी घुस गई। इस पर वह फिर फायरिंग करने लगा, जवाबी फायरिंग में पुलिस की गोली लगने से सुभाष की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने घर में बने बेसमेंट से बच्चों को सकुशल निकाल लिया।